मोदी सरकार ने 10 केंद्रीय एजेंसीयों को किसी भी कंप्यूटर में रखे डेटा की निगरानी करने और उन्हें देखने के अधिकार दे दिए है।

अब इसे लेकर कांग्रेस ने अबकी बार निजता पर वार कहते हुए कहा कि मोदी सरकार अब आपके कंप्यूटर की जासूसी करना चाहती है। वहीँ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लोकतंत्र में अधिकारों का ऐसे हनन होना बताया है।

केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा, मई 2014 से भारत अघोषित इमरजेंसी के दौर से गुजर रहा है। नागरिकों के कंप्यूटर पर निगरानी के फैसले से मोदी सरकार ने सारी हदें पार कर दी हैं। क्या दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में अधिकारों का ऐसे हनन होगा।

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी करते हुए 10 खुफिया एजेंसियों को कंप्यूटरों के डाटा जांचने का अधिकार दे दिया है।

मोदी सरकार ने इसपर सफाई देते हुए कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 के तहत अगर एजेंसियों को किसी भी संस्थान या व्यक्ति पर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का शक होता है तो वे उनके कंप्यूटरों में मौजूद सामग्रियों को जांच सकती हैं और उन पर कार्रवाई कर सकती हैं।

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