
पिछले दिनों बुलंदशहर हिंसा पर सरकार की आलोचना करने के बाद अभिनेता नसीरुद्दीन शाह बीजेपी नेताओं के निशाने पर आ गए थे। यहां तक कि उनके अपने साथी कलाकार अनुपम खेर भी उनके खिलाफ नज़र आए।
इन सब सवालों पर एक बार फिर नसीरुद्दीन शाह ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैं बतौर मुस्लिम इंसिक्योर नहीं हूं मैं बतौर नागरिक अपने बच्चों के लिए परेशान हूँ।
इंडिया टुडे से बात करते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि मुझपर आरोप लगाया गया कि मैं हिंदू मुसलमान को अलग कर रहा हूँ, जबकि ऐसा नहीं है। मैंने जो कहा उसपर कायम हूँ और मुझे अपने बयान पर खेद नहीं है।
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मैं ये भी नहीं कहता कि मुझे Misquote किया गया। मैं डरा नहीं हूं, लेकिन गुस्से में हूं। पहले मॉब लिंचिंग नहीं होती थी। आजकल ये चीजें हो रही हैं। मैं अपनी चिंता व्यक्त कर रहा हूं। मैं अपने बच्चों के लिए परेशान हूं। मैं बतौर मुस्लिम इंसिक्योर नहीं हूं।
नसीरुद्दीन ने कहा ट्रोलर्स मुझे रोक नहीं सकते है अपनी बात बोलने से, आप किसी चीज के बारे में तभी बोलते हैं जब आपको उसकी चिंता होती है।
शाह ने कहा कि समाज में नफरत और सांप्रदायिकता फैलाई जा रही है। मैं ये बातें एक मुस्लिम शख्स के रुप में नहीं बोल रहा हूं। मैं अपनी मुस्लिम पहचान का फायदा नहीं उठाता। सभी धर्मों का मैं सम्मान करता हूं। एक भारतीय होने के नाते मैंने अपना दर्द बयान किया था मुस्लिम होने के नाते नहीं।
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बता दें कि एक्टर ने देश में धर्म और जाति के नाम पर बुलंदशहर का जिक्र करते हुए भीड़ की हिंसा पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि एक गाय की जान पुलिस अफसर से ज्यादा कीमती हो गई है।
इस बयान के बाद नसीरुद्दीन शाह की जमकर आलोचना हुई बीजेपी विधायक ने उनके नाम पाकिस्तान का टिकट भी बुक करते हुए उन्हें पाकिस्तान जाने की नसीहत तक दे डाली थी।