पटना में बिहार पुलिस फिर आन्दोलनकारियों पर बेलगाम होकर लाठियां बरसा रही है. गाँधी मैदान से राजभवन तक कुशवाहा समाज के लोगों ने ”नीच” शब्द से गुसा होकर नीतीश कुमार के खिलाफ़ मार्च कर रहे थे.

इस मार्च को राजभवन से पहले ही नीतीश की पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोका जिसका विरोध कार्यकर्ताओ द्वारा किया गया. बात आगे बढ़ गयी और पुलिस ने उनपर लाठियाँ बरसानी शुरू कर दी. जिसमे कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए है.

दरअसल मामला है कुछ दिन पहले नीतीश कुमार से एक टीवी प्रोग्राम में एंकर ने एनडीए गठबंधन में चल रही सीटों की राजनीत पर सवाल किया, जिसमे उसने उपेन्द्र कुशवाहा का भी नाम लिया था. इसके जवाब में नीतीश कुमार ने एंकर को चुप कराते हुए कहा था कि ”इतना नीचे मत गिराइए”.

इस बयान के बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने भी मीडिया के सामने आकर इसका जवाब दिया था. आज पटना में इसी बयान के खिलाफ़ राजभवन तक कुशवाहा समाज मार्च कर रही थी.

इस पूरी घटना पर उपेन्द्र कुशवाहा ने ट्विट कर कहा की- ”लाठीचार्ज की घटना बेहद दुखद, शर्मनाक व आश्चर्यजनक है.

बिहार सरकार की पुलिस अपराधियों को तो सर पर बिठाती है लेकिन आन्दोलनकारियों का सर फोड़ती है ! निर्दयतापूर्ण लाठीचार्ज में घायलों के प्रति दुःख-दर्द व्यक्त करता हुँ”.

पिछले कई दिनों से बिहार की एनडीए गठबंधन में सबकुछ अच्छा नही चल रहा है, मान-मनौवल का दौर शुरू है. सीटों के बटवारे से नराज चल रहे उपेन्द्र कुशवाहा लगता है की नीतीश कुमार के खिलाफ़ मोर्चा खोल दिए हैं.

इस दंगल के शुरू होने से बिहार में आनेवाले 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए सबकुछ ठीक नही होने जा रहा है.

नीतीश कुमार के खिलाफ़ कुशवाहा द्वारा दिए जाने वाले बयान और महागठबंधन के सबसे मजबूत नेता तेजस्वी यादव से उनकी करीबी बढ़ना, इन सभी को देखते हुए यह कयास लगने शुरू हो गए हैं कि कहीं आगामी चुनाव से पहले वह महागठबंधन में शामिल तो नही हो जायेंगे

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