पिछले दिनों अमीर खान, अमिताभ बच्चन और कटरीना कैफ जैसे बड़े सितारों की एक फिल्म आई (Thugs Of Hindostan)। जिसमें आमिर खान एक ठग की भूमिका में थे।
इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कुल 150 करोड़ से ऊपर की कमाई की मगर जनता को ये फिल्म पसंद नहीं आई और लोगों ने आमिर खान की खूब आलोचना की जिसपर आमिर खान ने अपनी गलती भी मान ली।
आमिर खान ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हमने कोशिश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन कहीं न कहीं हमसे गलती हुई। फिल्म इंडस्ट्री में ये ईमानदारी भी बहुत कम ही लोगों में नज़र आती है की वो अपनी ख़राब फिल्म के लिए जनता से माफ़ी मांगे।
Video Alert!@aamir_khan takes full responsibility of the failure of his last film #ThugsOfHindostan. pic.twitter.com/Gf0zr8OBW7
— Filmfare (@filmfare) November 27, 2018
इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी को आमिर खान से सीख लेने की ज़रूरत है। क्योंकि मोदी सरकार ने नोटबंदी जैसे फैसले पर भी अभी तक देश से माफ़ी नहीं मांगी और न ही ऐसा कोई इरादा अभी तक दिखाई दे रहा है।
आरबीआई ने पहले ही बता दिया था कि नोटबंदी में कुल 99 फीसद से ज्यादा पैसा बैंकों में लौट आया था। मगर मोदी सरकार अबतक ये मानने को तैयार नहीं है की नोटबंदी सरकार की बड़ी भूल थी। कितना अच्छा होता अगर पीएम मोदी भी आमिर खान की तरह आगे आते और अपनी गलती मान लेते।
मगर सिनेमा और राजनीति में ज़मीन आसमान का फर्क होता है सिनेमा सबको जोड़ने का का काम करती है और राजनीति आजतक क्या करती आई है ये सबको पता ही है।
जब 150 करोड़ कमा कर भी आमिर खान अपनी गलती मानाने को तैयार है, तो नोटबंदी में जिन लोगों की जान गई क्या सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं बनती की वो उनके साथ खड़ी होती। उन्हें गले लगाती और कहती कि हमारे सरकार के फैसले की वजह से आपके अपने खोये हमें माफ़ कीजिएगा माफ़ी।
क्योंकि महात्मा गांधी कहा करते थे कमजोर व्यक्ति कभी माफ़ी नहीं मांगते और माफ़ करना तो ताकतवर व्यक्ति की विशेषता है। अब पीएम मोदी जो हर सरकारी विज्ञापनों में चरखा चलाते नज़र आते है उन्हें भी महात्मा गांधी की बात याद रहती तो वो कभी खुद को चौराहे पर बुलवाने की मांग न करते।