
देशभर में यस बैंक के खाताधारक परेशान है, दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा के बाद चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है, सेंसेक्स लगातार नीचे गिर रहा है लेकिन भारतीय मीडिया आज भी अपने पुराने एजेंडे हिन्दू-मुस्लिम करवाने पर कायम है।
मीडिया को समाज का आईना कहा जाता है और आईना हमको हमारी वर्तमान तस्वीर ही दिखाता है लेकिन भारतीय मीडिया के संबंध में यह बात फिट नहीं बैठती है। भारतीय मीडिया हर बार आईने में सिर्फ एक ही तस्वीर दिखाती है।
आज देश का सबसे बड़ा मुद्दा यस बैंक संकट है जिसको लेकर तमाम यस बैंक खाताधारक परेशान है। लेकिन भारतीय मीडिया के मुख्य चैनल आम लोगों की परेशानी को नज़रअंदाज करते हुए आज भी हिन्दू-मुसलमान पर प्राइम टाइम डिबेट करवा रहे है।
‘यस बैंक संकट’ का जिम्मेदार राणा कपूर है, जो मोदी को अर्थशास्त्री और नोटबंदी को अच्छा बताता था
न्यूज़18 के 7 बजे वाले प्राइम टाइम आरपार में बहस का मुद्दा आज “हिंसा पर सेक्युलरिज़्म” है मेरा सवाल है आखिर क्यों मुख्य मीडिया आम जनता और सरकार से सम्बंधित मुद्दों पर बात करने से डरती है क्यों अमिश देवगन सरकार से सीधे सवाल नहीं कर पाते है। क्यों आज मीडिया को यस बैंक के बहार लगी परेशान भीड़ नहीं दिख रही है इसका सीधा सा जवाब है मीडिया से कोई सवाल नहीं करता है।
#BiggestFaceOff
आर पार की बहस में सबसे बड़ा प्रयोग
2 कांग्रेसी दिग्गज VS BJP के 2 धुरंधर
हिंसा पर सेक्युलरिज़्म का
'एकतरफ़ा चश्मा'? #AarPaar शाम 6.57 बजे pic.twitter.com/KCbT9v3o3j— Amish Devgan (@AMISHDEVGAN) March 6, 2020
देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अर्थव्यवस्था पर बात कर सकते है लेकिन हमारी मीडिया सिर्फ हिन्दू-मुसलमान पर बात करती है। हमारी मीडिया सिर्फ मुर्गो की लड़ाई करवाना पसंद करती है। क्या भारतीय मीडिया को देशभर में हो रहे हिन्दू मुसलमान दंगो से पेट नहीं भर रहा है या फिर मीडिया किसी के दबाव में काम कर रही है।