केरल के कोच्चि में रविवार सुबह एक प्रार्थना सभा के दौरान बम ब्लास्ट हुआ, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई है। साथ ही इस बम धमाके में 36 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबरे सामने आ रही हैं। यह घटना ईसाई कन्वेंशन सेंटर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘यहोवा विटनेसेस’ कार्यक्रम के समापन समारोह के दौरान हुई।

बता दें कि इस कार्यक्रम में लगभग 2500 लोग मौजूद थे। अब इस घटना को अंजाम देने वाला शख्स सामने आया है। उसने इस बम ब्लास्ट की जिम्मेदारी लेते अपना नाम मार्टिन बताया है।

केरल के इस बम ब्लास्ट मामले को लेकर देश के तमाम लोगों ने अपनी संवेदनाएँ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर देनी शुरू कर दी है। जिसके बाद लोग उनसे मणिपुर हिंसा मामले में चुप रहने का आरोप लगा रहे हैं।

दरअसल केरल बम धमाके को लेकर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा है। जिसे लेकर लोग मणिपुर हिंसा पर उनकी चुप्पी को लेकर सवाल कर रहे हैं।

सचिन तेंदुलकर ने एक्स प्लेटफॉर्म पर केरल बम धमाके को लेकर लिखा है- “केरल में हुए धमाकों से बेहद दुखी हूँ। सभी पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएँ और घायलों के ठीक होने की प्रार्थना करता हूँ।”

सचिन के इस पोस्ट को लेकर लोग सोशल मीडिया पर जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। और कह रहे हैं- “ये भारत रत्न सचिन तेंदुलकर जी हैं। केरल ब्लास्ट पर बहुत दुखी हुए, ठीक बात है। लेकिन इन्हें कभी मणिपुर में बेटियों की नग्न परेड, पहलवान बेटियों के यौन शोषण या फिर हाथरस की दलित बेटी के साथ जो हुआ, उस पर कोई दुख नहीं हुआ।”

बता दें कि सचिन तेंदुलकर हो या कोई भी सेलिब्रिटी किसी ने मणिपुर जैसे भयंकर हिंसक घटना पर कहीं कोई आवाज़ नहीं उठाई थी। और ना ही किसी ने दुःख और संवेदनाएँ जताने की कोशिश की थी।

अब लोग सचिन पर सवाल और आरोप दोनों एक साथ लगा रहे हैं। उनका कहना है कि ये केंद्र सरकार के मुस्लिम विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए केरल बम ब्लास्ट मामले पर बोल रहे हैं। लेकिन अफ़सोस इस घटना को अंजाम देने वाला व्यक्ति ईसाई समुदाय से है।

सचिन तेंदुलकर के पोस्ट पर कई लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं। उन्हीं में से एक यूजर हंसराज मीणा ने लिखा- “सचिन आप केरल की घटना पर बोलते है लेकिन मणिपुर हिंसा में आदिवासी युवती को नंगा दौड़ाने की घटना पर चुप रहते है। महिला पहलवानों के साथ हुए यौन शोषण पर चुप रहते है।

हाथरस में दलित बेटी के गैंगरेप पर चुप रहते है। किसान आंदोलन में हुई 700 मौतों पर चुप रहते है। भारत रत्न हो या RSS रत्न?”

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