
इजरायल और फिलिस्तीनी ग्रुप हमास के बीच युद्ध लगभग सात दिन से जारी है। लगातार दोनों तरफ से एक दूसरे के यहां बम, गोले, मिसाइलें और रॉकेट से चारों तरफ सिर्फ तबाही बरपा रहे हैं।
बता दें कि सात अक्टूबर को फिलिस्तीनी ग्रुप हमास ने एकाएक इजरायल पर राकेट और मिसाइल से हमले करना शुरू कर दिया था। जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में इजरायल ने पूरे गाजा पट्टी में कोहराम मचा रखा है।
अभी इजरायल और हमास के बीच जारी जंग में दोनों तरफ से लगभग 2600 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। साथ ही इजरायल ने गाजा में पानी, बिजली और पेट्रोल जैसे जरूरी संसाधनों पर पूरी तरह से प्रतिबंद लगा दिया है। जिससे वहां आम लोगों के बीच और बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
इस बीच इजरायल और फिलिस्तीन के शहर गाजा के जो हालात हैं उसे कवर करने दुनियाभर के मीडिया और पत्रकार इन दोनों जगहों पर जा रहे हैं।
वहीं भारत से भी कथित मुख्यधारा की मीडिया और उसके पत्रकार इजरायल और हमास के बीच जारी जंग में ग्राउंड से रिपोर्टिंग करने जा रहे हैं।
इसमें न्यूज़ चैनल भारत 24 की एंकर रुबिका लियाक़त भी हैै। जिन्होंने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर इजरायल जाने की खबर दी। जिसमें वह लिखती हैं- “आगे नई चुनौतियाँ बाकी है, इजरायल में ग्राउंड जीरो पर मिलते हैं।”
रुबिका लियाक़त के इजरायल जाने वाली इस पोस्ट पर लोग सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं। और लिख रहे हैं कि ‘इजरायल जाने के बजाय इन्हे मणिपुर भी जाना चाहिए।’
रुबिका लियाक़त पर आये दिन अपने न्यूज़रूम से नफरत और साम्प्रदायिक खबरें चलाने के आरोप लगते रहते हैं। साथ ही बीजेपी समर्थक पत्रकार होने का भी इनपर आरोप लगता रहता है।
वहीं मणिपुर की बेटी और जानी-मानी पर्यावरणविद लिसिप्रिया काँगुजाम ने भी रुबिका के इजरायल जाने पर कटाक्ष किया है।
लिसिप्रिया ने लिखा- “जो भारतीय पत्रकार कभी मणिपुर हिंसा में नहीं गए, वे युद्ध प्रचार के लिए इजराइल का दौरा कर रहे हैं। यदि वे सचमुच बहादुर हैं तो उन्हें गाजा अवश्य जाना चाहिए।”
The Indian Journalists who never visited the #ManipurViolence are visiting #Israel for war propaganda. If they are really brave then they must visit Gaza.
— Licypriya Kangujam (@LicypriyaK) October 13, 2023
बता दें कि भारत का एक राज्य मणिपुर पिछले पांच महीने से हिंसा की आग में जल रहा है। लेकिन वहां देश के कथित मुख्यधारा की मीडिया और इनके पत्रकार कोई रिपोर्टिंग करने नहीं पहुंचे।
इसपर लोगों का आरोप है कि मणिपुर इसलिए ये कथित पत्रकार नहीं गये क्यूंकि वहां बीजेपी की सरकार है जो मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में विफल साबित हुई है।