भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों को फांसी की सज़ा सुनाई गई है। यह खबर कतर से जुड़ी हुई है। जहां जासूसी के आरोप में भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई गई है।

इन सभी पर कतर ने उनके देश के खिलाफ जासूसी करने का आरोप लगाया था, जिसकी जाँच सालों से वहां की एजेंसियां कर रही थी। अब अचानक आये इस फैसले से भारतीय विदेश मंत्रालय आश्चर्य चकित है। क्योंकि कतर पिछले कई महीनों से इस जाँच में कोई स्पष्ट जानकारी सांझा नहीं कर रहा था।

भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को मिली इतनी बड़ी सज़ा से भारतीय विदेश मंत्रालय सकते में आ गया है। और अपनी आपत्ति दर्ज़ करते हुए क़तर विदेश मंत्रालय से सम्पर्क कर पूरी जानकारी मांगी है।

दरअसल क़तर के गृह मंत्रालय ने 30 अगस्त 2022 को जासूसी के आरोप में इन पूर्व नौसैनिकों को पूछताछ के लिए इन्हे घर से हिरासत में लिया था। अब अचानक इन सभी को फांसी की सजा सुना दी गई है।

अब सभी नौसैनिकों के परिवार वालों का अरमान एक झटके में टूट गया है। इन्हे आस थी कि वे सभी एक दिन रिहा होकर अपने घर देश वापस आएंगे। लेकिन उन्हें सजा मिलने के बाद इन परिवारों के दिल पर मानो पहाड़ टूट के गिर गया हो।

अब केंद्र की मोदी सरकार से लोग सवाल कर रहे हैं कि-“आखिर जिस नेता की बात आज पूरा विश्व मानता हो, उसके देश के सैनिकों को कतर जैसा छोटा देश कैसे फांसी की सजा दे दिया। ”

साथ ही इस मामले में राजद से राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा है- “मामला अगर ‘गौतमी’ प्रवृति के उस ‘तोते’ का होता तो व्यवहार कुछ अलग होता सरकार बहादुर का…जय हिन्द”

सांसद मनोज झा यहाँ मोदी सरकार पर हाल ही में लगे आरोप को लेकर कटाक्ष कर रहे हैं। जहां अडानी मामले में केंद्र की मोदी सरकार बचाव में खड़ी रहती है।

लोग सीधा पीएम मोदी के ऊपर कटाक्ष कर रहे हैं। उनका कहना है कि- “जिस नेता और पीएम का पूरी दुनिया में डंका बज रहा हो उसके देश के नागरिकों को कैसे एक छोटा सा देश इतनी खौफनाक सजा या कहे की फरमान सुना सकता है।”

लोगों का कहना है कि- “भारत सरकार को जल्द से जल्द पीएम मोदी का पॉवर दिखा कर उन सभी पूर्व भारतीय नौ सैनिकों को रिहा करवाया जाए।”

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