पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुके हैं। अब तमाम राजनीतिक दल अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। हिंदी पट्टी के तीन बड़े राज्यों में मिली कांग्रेस के हार के बाद विपक्षी गठबंधन ‘इण्डिया’ को लेकर भी तमाम तरह की चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है।

देश के लोकसभा में सबसे ज्यादा सांसद भेजने वाला राज्य उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी विपक्षी एकजुटता को लेकर खुलकर बयान दे रहे हैं। उनका मानना है कि बिना विपक्षी एकता के भारतीय जनता पार्टी को 2024 लोकसभा चुनाव में हराना मुश्किल होगा।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव एक निजी टीवी चैनल के इंटरव्यू के दौरान ‘इण्डिया’ गठबंधन से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए कहा- “समाजवादी पार्टी चाहती है कि बीजेपी हार जाए। लेकिन अभी इण्डिया गठबंधन में सीटों को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। किसको कितना सीट मिलेगा, अभी इस पर कोई बात नहीं हुई है। अभी हमारा और पूरे विपक्षी दलों का एक ही मकसद है कि भाजपा को कैसे हराया जाए और भाजपा जैसी झूठी सांप्रदायिक एजेंडा फैलाने वाली पार्टी से मुकाबला कौन कर पायेगा। अभी हमारी लड़ाई यहीं है।”

साथ ही अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि – विपक्षी गठबंधन ‘इण्डिया’ बनेगा और हम सब सीट शेयरिंग भी कर लेंगे।

अखिलेश यादव अपने इंटरव्यू के दौरान ‘इण्डिया’ गठबंधन के अलावा उनके द्वारा दिया गया एक नए राजनीतिक नारे पर भी उन्होंने खुलकर बोला है।

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ‘PDA’ यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंखयक गठजोड़ के सहारे भाजपा को मात देने की बातें भी बोली हैं। उन्होंने कहा कि -” यूपी में 80 हराओं, भाजपा हटाओ। PDA ही जिताएगा, PDA ही NDA को हराएगा। सबका साथ तभी संभव है जब आप बराबरी की बात करें। सामाजिक न्याय और सामाजिक आंदोलन PDA से जुड़ा हुआ है, इसीलिए समाजवादियों ने कहा कि जातीय जनगणना होगी तो सामाजिक न्याय मिलेगा।”

इंटरव्यू के दौरान अखिलेश यादव यहां हाल ही में हुए बिहार के जातीय जनगणना रिपोर्ट के बाद पुरे देश भर में उठे इस मुद्दे पर भी जमकर बोला है।

वहीं अखिलेश यादव से जब यूपी में भाजपा योगी सरकार को कैसे विपक्षी दल मात देकर लोकसभा चुनाव में भाजपा को मात देंगे इस पर सवाल पूछे गए तब उन्होंने इसका जवाब देते हुए योगी सरकार को जमकर घेरते हुए आने वाले चुनाव में विपक्षी दलों की रणनीति पर भी खूब जमकर बोले।

उन्होंने कहा कि- “मुझे याद है हमने 20 लाख लैपटॉप बांटे थे। आज भी कोई मिलता है तो मुझे कोई ना कोई कहानी बताता है कि कैसे उस लैपटॉप से उसकी मदद हुई।

अब तो हमें यह लगता है टेक्नोलॉजी से सरकार नहीं बनती है आप सांड की बात करो, गाय, गोबर की बात करो तब सरकार बनती है। इसलिए टेक्नोलॉजी भूल करके हम लोग भी दूसरी दिशा में जा रहे हैं कि जातीय जनगणना हो। तब जाकर समाजिक न्याय को बल मिलेगा और वंचित,शोषित तबके का विकास होगा।”

वहीं अखिलेश यादव ने भाजपा को तीन राज्यों में मिली जीत को लेकर कहा कि -अगर कांग्रेस एमपी में और अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी बड़ा दिल दिखाती तो परिणाम कुछ अलग होता।

साथ ही उन्होंने कहा कि-“जब भी समाजवादी पार्टी ने गठबंधन किया है बहुत से दलों को साथ लाने और सम्मान देने का काम किया है। हमें उम्मीद है कि जिस तरह से समाजवादियों ने पहले गठबंधन किया इस बार भी उसी तरह से दलों को साथ लाने का काम करेंगे।”

दरअसल एमपी विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर अनबन की खबरें भी सामने आई थी। जिसके बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस नेताओं के बीच खूब बयानबाजी हुई थी।

अब अखिलेश यादव ने अपने बयानों से यह साफ़ कर दिया है कि विपक्षी गठबंधन ‘इण्डिया’ को लेकर तमाम तरह के व्यक्तिगत दूरियों को खत्म कर के सभी दलों को एक दूसरे का सम्मान करना होगा। और साथ मिलकर ही भाजपा को आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 में हराया जा सकेगा।

साथ ही अपने नए राजनितिक समीकरण ‘पीडीए’ और और समाजिक न्याय के बदौलत भाजपा को हराने की भी बाते कही है।

अखिलेश यादव ने कहा है कि – “समाजिक आंदोलन पीडीए से जुड़ा हुआ है। अगर जातीय जनगणना होगी। तो समाजिक न्याय भी होगा। यहीं समाजिक न्याय आने वाले समय में देश की राजनीति में बड़ा परिवर्तन लाने जा रहा है।”

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