
भारत में भले ही बुलडोजर को सुशासन का प्रतीक बना दिया गया हो, भले ही किसी का घर टूटना यहां इवेंट बना दिया गया हो, मगर अमेरिका में इस तरह की राजनीति को बर्दाश्त नहीं किया गया।
बुलडोजर की झांकी निकालने वाले भारतीय बिजनेस संघ को माफी मांगनी पड़ी है।
दरअसल भारत के स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले 14 अगस्त को एडिसन में जश्न मनाया जा रहा था। परेड के नाम पर वहां बुलडोजर की झांकी निकाली जा रही थी। जिसकी तस्वीरें और वीडियो वायरल होने के बाद दुनिया भर में लोग आलोचना करने लगे।
लगातार दबाव के चलते इंडियन बिजनेस एसोसिएशन को बैकफुट पर जाना पड़ा और आखिरकार माफी मांगनी पड़ी।
इसपर प्रतिक्रिया देते हुए इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल ने लिखा- “आखिरकार इंडियन बिजनेस एसोसिएशन ने माफ़ीनामा जारी कर दिया है।
इसने 14 अगस्त को निकाले गए परेड में बुलडोजर की झांकी दिखाकर नफ़रत का प्रदर्शन किया था। मुसलमानों के खिलाफ नफ़रत की राजनीति अमेरिका में नहीं चली।”
Finally, the Indian Business Association has issued an apology for allowing the hateful use of a bulldozer at the Indian Independence parade in Edison, New Jersey, on August 14✌🏽
Anti-Muslim hate is not welcome in America!#RejectHindutvaHate pic.twitter.com/J7lNyKP4Xz
— Indian American Muslim Council (@IAMCouncil) August 31, 2022
हैरानी की बात है कि अमेरिका में अपनी शर्मनाक सोच का प्रदर्शन करने वाला यके संघ बिजनेस- व्यापार करने वाले लोगों का है। समृद्ध मध्यमवर्ग के लोग विदेश में जाकर भी मुसलमानों से नफरत करना नहीं छोड़ पा रहे हैं।
भारत में भी ये पैटर्न देखा जाए तो इस वर्ग के लोग एकतरफा भाजपा और मोदी के समर्थन में मतदान करते दिख जाते हैं।
इससे उस पूर्वाग्रही थ्योरी पर सवाल उठते हैं जिसके तहत कहा जाता है कि नफ़रत की राजनीति को निम्न वर्ग और गरीब वर्ग के लोग बढ़ावा दे रहे हैं।