बॉम्बे हाईकोर्ट के एक जज ने भरी अदालत में अपना इस्तीफा दे दिया है। एक केस की सुनवाई के दौरान ही जज ने इस्तीफा देते हुए वहां मौज़ूद सभी वकीलों और लोगों को सॉरी बोला।

बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर बेंच जज रोहित देव ने इस्तीफा देते हुए कहा- “अपने आत्मसम्मान के खिलाफ जाकर काम नहीं करूंगा। कहते हुए”

जज रोहित देव ने सबको चौंकाते हुए भरी अदालत में किसी एक केस के सुनवाई के दौरान ही अपना इस्तीफा दे दिया।

बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र बीजेपी सरकार के किसी नये कानून के खिलाफ जज रोहित देव ने एक फैसला सुनाया था।

जज ने इस्तीफ़ा देकर कोर्ट में मौजूद सभी वकील और लोगों से कहा- “मुझे ये बताते हुए दुःख हो रहा है कि मैंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज दिया है। अब मैं अपने स्वाभिमान के खिलाफ काम नहीं कर सकता।”

जज रोहित देव बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच के उन जजों में शामिल थे, जिन्होंने 2022 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर जीएन साईं बाबा को एक कथित माओवादी लिंक आरोपों से बरी कर दिया था।

इस जजमेंट पर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दिया था। वहीं जज रोहित देव अपने एक और फैसले के लिए पिछले दिनों चर्चा में थे।

जज रोहित देव ने पिछले सप्ताह महाराष्ट्र भाजपा सरकार के समृद्धि एक्सप्रेसवे परियोजना से जुड़े एक अधिकार पर रोक लगा दिया था। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार के इस सरकारी प्रस्ताव में समृद्धि एक्सप्रेसवे परियोजना में भ्रष्टाचार कर रहे ठीकेदारों पर कार्रवाई करने से रोक लग जाता।

इस प्रस्ताव पर रोक लगाकर जज रोहित देव महाराष्ट्र भाजपा सरकार को बड़ा झटका दिया था।

बॉम्बे हाईकोर्ट जज के इस्तीफा पर कईं लोगों ने महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार देश की अदालतों पर अपना दबाव डालकर गलत नीतियों को लागू करना चाहती है।

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