इजराइल की महिलाओं के साथ दरिंदगी पर आग बबूला होने वाला गोदी मीडिया अपने ही देश के मणिपुर राज्या में हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ हुई भीषण दरिंदगी पर आज तक चुप है। आखिर क्यों?

क्या अगर मणिपुर इज़राइल में होता तब गोदी मीडिया बोलता या फिर मणिपुर की पीड़ित आदिवासी लड़की थी इसलिए या इनका अपराधी मुस्लिम नहीं था इसलिए? आखिर गोदी मीडिया की यह आपराधिक चुप्पी क्यों ?

मणिपुर की महिलाए आज भी यातना को झेल रही हैं। आज भी मणिपुर में हिंसा हो रही है लोग मारे जा रहे हैं लाखों लोग बेघर है, घरों को आग लगा दी गयी है, इजराइल की महिलाओ की चिंता करने वाले फर्जी राष्ट्रवादियों को मणिपुर की बेटियों की चीख नहीं सुनाई दे रही है।

जो लोग मणिपुर पर न कुछ लिख पाये न बोल पाये न संवेदना जता पाये आज वो कथित राष्ट्रवादी लोग इजराइल जाकर लड़ने की बात करते है, क्या यह इजराइल समर्थन सिर्फ इसलिए है क्योंकि इजराइल के सामने फिलीस्तीन है जहां कि बहुसंख्यक आबादी मुसलमान है लिहाज़ा मुसलमानों के खिलाफ इजराइल का समर्थन कर रहे है कथित राष्ट्रवादी लोग।

मणिपुर में कुकी आदिवासी युवक को जिंदा जलाएं जाने की घटना के बारे में भी सोश्ल मीडिया पर विडियो आ रहे है । यह अत्यंत दुखद एवं शर्मनाक है, इसके बाद भी आख़िर बीजेपी के नेता, मणिपुर पर कुछ बोल क्यों नहीं रहे हैं?

दूर देश इजराइल जाने को तैयार है लेकिन मणिपुर जाने की बात कहना तो दूर की बात है, आवाज़ तक नहीं निकल रही है, बयान तक नहीं आ रहा है। #IStandWithIsrael लिखने वाले आखिर #IStandWithManipur लिखने की हिम्मत क्यों नहीं दिखा पा रहे हैं?

गोदी मीडिया का हाल तो पहले से ही जग ज़ाहिर है। इज़राइल पर जमकर बोल रहे है लेकिन जब मणिपुर पर बोलना हो, महिला पहलवानों पर बोलना हो, किसानो के लिए बोलना हो देश में अल्पसंख्यक और दलितों पर हो रहे अत्याचार पर बोलना हो तो सन्नाटा पसर जाता है।

भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की नेता अपुर्वा सिंह इजराइल के साथ खड़ी है। दोनों देशों के झंडे लगाकर इजराइल को समर्थन दे रही है, लिख रही है- भारत स्टेंड विद इजराइल लेकिन यही बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रवादी नेता मणिपुर पर चुप रही

जनवरी 2023 से लेकर अक्टुबर 2023 तक एक ट्वीट नहीं कर पायी मणिपुर के समर्थन में संवेदना भी नहीं जता पायी।लेकिन इजराइल पर झट से ट्वीट कर दिया।

खुद को सनातनी बताने वाला चंदन शर्मा भी गुस्से में है। इजराइल जाना चाहता है, लड़ना चाहता है, इजराइल के लिए साथ सभी हिंदूओं की तरफ से ठेकेदारी भी प्रस्तुत कर रहा है।

जिस पर भगत राम ट्विटर है़डल से चंदन को जवाब दिया जाता है कि चंदन को ग़ुस्सा आ रहा है और इजरायल जाना चाहता है। चंदन मोदीजी से परमिशन मांग रहा है, मोदीजी परमिशन देने में टाइम लगा रहे हैं। बिना परमिशन इसलिए नहीं जा रहा क्योंकि बड़ों से पूछे बिना चंदन कभी कोई काम नहीं करता।

अब प्रॉब्लम ये है कि अगर मोदीजी ने ज़्यादा टाइम लिया तो चंदन का ग़ुस्सा ठंडा हो जाएगा। अब चंदन क्या करे? हमारी सलाह तो ये है कि चंदन फिलहाल अरूणाचल चला जाये, जहां चीन हमारी ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर के बैठा हुआ है।

अरूणाचल जाने के लिए ना मोदीजी की परमिशन की ज़रूरत है और ना वीज़ा की! इससे चंदन का ग़ुस्सा भी यूटिलाइज हो जाएगा और हमारे देश का भी कुछ भला हो जाएगा। आप क्या सलाह देना चाहते हैं चंदन को?

क्या विधानसभा चुनाव से पहले इजराइल का इस्तेमाल देश की संप्रदायिक सियात को ईधन देने के लिए किया जा रहा है?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here