नूंह की सांप्रदायिक हिंसा के बीच अनीश ने रची मोहब्बत की कहानी लेकिन भाजपा की खट्टर सरकार को पसंद नहीं आयी मोहब्बत की यह कहानी और बिना नोटिस दिये ज़मींदोज़ कर दिया अनीश का घर।

31 जुलाई को हुई सांप्रदायिक हिंसा में हिसार के रविन्द्र फोगाट अपने दो दोस्तों के साथ नूंह में थे। अपनी जान बचाने के लिए जगह जगह भटक रहे थे, जिन्हे अनीश ने अपने घर में छिपाया उन्हें खाना खिलाया लेकिन खट्टर सरकार के नफरती बुलडोज़र ने उसी अनीश का घर तोड़ दिया।

द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, रविन्द्र फोगाट हिसार के रहने वाले हैं, वह पेशे से कांट्रेक्टर है जो कि अपने दो दोस्तों के साथ हिंसा वाले दिन बड़कली से वापस आ रहे थे।

वह लोक निर्माण विभाग (PWD ) की बनाई गई रोड का काम देखने के लिए नूंह गए थे। लेकिन समय ज्यादा लगने के कारण उन्हें नूंह में दोपहर के 1 बज गया था।

उन्होंने देखा कि नूंह में पथरबाज़ी शुरू हो गयी है। अपनी जान बचाने के लिए रविन्द्र पुलिस के पास रूक गए लेकिन हरियाणा पुलिस ने रविन्द्र को अपने पास रुकने से मना कर दिया।

फिर वह एक टाइल के शोरूम में छिपे लेकिन उन्होंने देखा की सामने से भीड़ आ रही है। अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागे और एक घर में जाकर छिप गए बाद ने रविन्द्र को पता चला की वह घर अनीश का है।

रविंद्र आगे बताते हैं कि उनकी कार में आग लगा दी गई थी वह अनीश के घर कुछ घंटों तक रहे, उसके बाद अनीश ने उन्हें अपनी कार से PWD गेस्ट हाउस छोड़ा। रात भर PWD गेस्ट हाउस में रहने के बाद सुबह सोहना से भाजपा विधायक संजय सिंह की कार में वह गुरुग्राम आये। उसके बाद वहां से हिसार के लिए निकले।

नूंह की सांप्रदायिक हिंसा के बीच अनीश ने रविन्द्र और उसके दो दोस्तों को खाना खिलाया और सुरक्षित स्थान पर भी पहुंचाया। इस बीच रविन्द्र ने अनीश को अपना नंबर दिया और अपने घर हिसार में आने के लिए न्योता भी दिया।

लेकिन इस घटना के 6 दिन बाद खट्टर सरकार के नफरती बुलडोज़र ने अनीश का घर भी गिरा दिया। अनीश ने रविन्द्र फोगट को कॉल किया कर बताया कि मेरे घर पर भी बुलडोज़र चल रहा है।

रविन्द्र ने नूंह सिटी पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी को फ़ोन कर के बताया कि अनीश का घर दंगों में शामिल नहीं था और मैं और मेरे दोस्त इस बात के गवाह है।

उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र पटेल को भी बताया, यहाँ तक कि एसपी (SP ) को भी बताया लेकिन बहुत देर हो चुकी थी। जब तक खट्टर सरकार के बुलडोज़र ने अनीश का घर ज़मींदोज़ कर दिया था।

अनीश ने बताया कि घर गिरने के समय वह घर पर नहीं थे और न सरकार की तरफ से उन्हें कोई नोटिस मिला। अनीश एक छोटे व्यापारी है, उनके दो ट्रक चलते हैं। 3 साल पहले वह नूंह में आकर बसे थे।

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