
मणिपुर में चल रहे हिंसा पर अमेरिकी राजदूत ने भारत को मदद की पेशकश की है। मणिपुर में दो महीने से लगातार हो रहे हिंसक झड़प में अबतक 100 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं। हज़ारों लोग गंभीर रूप से घायल हैं और 50 हज़ार से ज्यादा लोगों ने अपना घर बार छोड़कर राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं।
अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सिर्टी ने मणिपुर हिंसा को लेकर मीडिया से कहा कि- ”मणिपुर की स्थिति मानवीय चिंता का विषय है और हिंसा में जानमाल के नुकसान की परवाह करने के लिए किसी को भारतीय होना जरुरी नहीं है। गार्सिर्टी ने आगे कहा कि अगर भारत चाहे तो अमेरिका मणिपुर में मदद करने के लिए तैयार है।”
मणिपुर हिंसा मामले पर अमेरिका द्वारा मदद की पेशकश को लेकर कांग्रेस पार्टी ने नाराजगी ज़ाहिर की है। उनका कहना है कि यह भारत का आंतरिक मामला है। जिसे इस देश की सरकार को ठीक करने की जिम्मेदारी है।
कांग्रेस नेताओ का कहना है केंद्र और मणिपुर की भाजपा सरकार हिंसा को रोकने में नाकाम दिख रही है।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने मणिपुर हिंसा के ऊपर मोदी सरकार और गृहमंत्री अमित शाह पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
साथ ही अमेरिकी राजदूत के बयान पर भी तंज कसते हुए कहा कि- “मणिपुर में जो रहा है वह एक त्रासदी है। प्रधानमंत्री को बहुत पहले मणिपुर जाना चाहिए था बहुत पहले उन्हें बोलना चाहिए था। गृहमंत्री को लगातार मणिपुर जाना चाहिए था और वहां शांति बहाली के लिए काम करना चाहिए था।”
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि- ”जहां तक अमरीकी राजदूत के बयान का सवाल है, देखिये भारत में कई चुनौतियाँ आई लेकिन भारत ने कभी विदेशी मुल्क द्वारा दिए बयान की कभी सराहना नहीं की है।
अमेरिका में भी हिंसा होती है जिसमें बहुत से लोग मारे जाते है। वहा रंगभेद को लेकर दंगे होते हैं। लेकिन भारत ने कभी नहीं कहा कि इन सभी मुद्दों पर कैसे नियंत्रण पाया जाये।