बीते कुछ महीनो से जाति आधारित जनगणना कराने की मांग चल रही है। इस मांग ने तब ज़ोर पकड़ लिया जब 2 अक्टूबर को बिहार की नीतीश सरकार ने जाति जनगणना की रिपोर्ट जारी कर दी।

ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन गया. इसके बाद से ही सियासत गरमा गई. पूरे देश में जाति आधारित जनगणना कराने की मांग उठने लगी. इस मांग को देशभर में ज़ोर – शोर से उठाने वाले नेताओ में सबसे बड़ा नाम राहुल गाँधी का है।

राहुल गाँधी अपने भाषणों में, संसद में, और प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगातार मोदी सरकार पर जाति आधारित जनगणना कराने को लेकर दबाव बना रहे हैं। साथ ही जाति आधारित जनगणना नहीं कराने को लेकर मोदी सरकार के मंशा पर सवाल भी उठा रहे हैं।

इन सब को लेकर 9 अक्टूबर को सोमवार के दिन राहुल गाँधी कांग्रेस के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ AICC में प्रेस कॉन्फ्रेंस किए। प्रेस कॉन्फ्रेंस का असल मुद्दा जाति आधारित जनगणना था।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के अपने सम्बोधन में मीडिया को सम्बोधित करते हुए बोले- हमारे साथ इस वक़्त कांग्रेस पार्टी के सभी मुख्यमंत्री है। हम ये ऐलान करते हैं कि हमारी जिन – जिन राज्यों में सरकार है, वहां जातिगत जनगणना कराएंगे।

अभी राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल और कर्नाटक में हमारी सरकार है। हम वहां जातिगत जनगणना करवाने जा रहे हैं। हालाँकि, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार आने के बाद करवाएंगे।

क्या INDIA गठबंधन के सभी पार्टी अपने – अपने राज्यों में जाति आधारित जनगणना करवाएगी? इस सवाल पर राहुल गाँधी बोले- हमारे गठबंधन की ज्यादातर पार्टियां इसको सपोर्ट करेगी। कुछ के अपनी मजबूरियां हो सकती हैं।

आगे वो मोदी सरकार और अडानी पर हमला करते हुए बोले कि आजकल दो हिंदुस्तान बन रहें हैं। एक अडानी वाला तो दूसरा गरीबों वाला। ग़रीबो वाले हिंदुस्तान में यहाँ की आम जनता, दलित, OBC और आदिवासी है। अमीरों वाले हिंदुस्तान में प्रधानमंत्री के कुछ दोस्त है।

OBC को लेकर बोले कि- हमारी अभी 4 राज्यों में सरकार है जिनमे से 3 मुख्यमंत्री OBC है । BJP के 10 राज्यों में सरकार है लेकिन सिर्फ एक OBC मुख्यमंत्री है लेकिन कुछ ही दिनों में वो भी जाने वाले हैं।

पीएम मोदी के आरोप जिसमे वो बोले थे- कांग्रेस जाति आधारित जनगणना कराकर हिन्दुओ को बाँटना चाहते हैं। इस आरोप पर राहुल गाँधी बोले कि जातिगत जनगणना से दलितों, OBC और आदिवासी समुदाय के लोगो को उनका सही हक़ मिलेगा। कांग्रेस पार्टी उनको उनका हक़ दिलाना चाहती है लेकिन प्रधानमंत्री ध्यान भटकाना चाहते हैं। वो मुद्दों पर बात नहीं कर सकते।

बोलते – बोलते वहाँ मौजूद पत्रकारों से सवाल कर बैठे। राहुल ने पूछा कि अच्छा ये बताइये कि यहाँ कितने लोग है जो OBC, दलित और आदिवासी समुदाय से आते हैं। जिसपर पूरे सभा में से सिर्फ एक कैमरा मैन ने हाथ उठाया. राहुल गाँधी बोले कि मैं आपकी नहीं इनकी ( पत्रकारों ) की बात कर रहा हूँ. जिसपर सब शांत हो गए।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के आखिर में राहुल गाँधी बोले- देश में काफी पॉजिटिव माहौल है लेकिन लोगो में महंगाई, बेरोजगारी और असमानता को लेकर गुस्सा है।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से राहुल गाँधी ने साफ़ कर दिया कि अगले महीने होने जा रहे 5 राज्यों के चुनाव में कांग्रेस पार्टी का जातिगत जनगणना वाला मुद्दा उनके प्रमुख मुद्दों में से एक होगा।

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