
मणिपुर हिंसा जो कि 3 मई से चल रही है। वहाँ से सोशल मीडिया पर मानवता को शर्मसार करने वाले वीडियो लगातार सामने आ रही हैं। राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार कोई भी मणिपुर की सुध नहीं ले रहा है।
एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें कुकी समुदाय की महिलाएं असम राइफल्स के जवान के पैर पकड़ कर बोल रही हैं कि “मणिपुर से मत जाओ, हमे मणिपुर पुलिस पर भरोसा नहीं है।”
दिल्ली से पूर्वोत्तर की दूरी कम करने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने लगता है कि मणिपुर से मुँह फेर लिया है।
हाल ही में कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुई थी जिसमें कुकी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न करके मणिपुर की सड़कों पर घुमाया जा रहा था।
ये दुष्कर्म मैतेई समुदाय के लोगों का था जिसके बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने कहा था कि ऐसी वीडियो और भी हैं।
अब एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें कुकी समुदाय की महिलाएं असम राइफल्स के जवान को चारों तरफ से घेर कर उसके पैरों में गिरकर विनती कर रही हैं कि मणिपुर छोड़ कर मत जाओ हमे मणिपुर पुलिस पर कोई भरोसा नहीं है।
बात करें वीडियो कि तो यह 2 अगस्त की घटना है। वीडियो में दिख रहा सैनिक असम राइफल में कमांडो है। जब इम्फाल वैली में 3 और 4 मई को हिंसा हो रही थी तो इस सैनिक ने दिन-रात एक करके कुकी समुदाय के लोगो की जान बचाई थी।
और जब इस सैनिक को दोबारा इम्फाल वैली भेजा गया तो कुकी समुदाय की महिलाओं ने इस कमांडो से विनती की कि वह उन्हें छोड़कर ना जाए।
मणिपुर की kuki महिलाएँ Assam Rifles के जवानों से रोते हुए कह रही हैं की मत जाओ, हमें मणिपुर पुलिस पर भरोसा नहीं है।
भाजपा सरकार मणिपुर की जनता का विश्वास खो चुकी है । pic.twitter.com/13V09P5xkf
— Ritu Choudhary (@RituChoudhryINC) August 3, 2023
बिरेन सिंह जो खुद मैतेई समुदाय से आते हैं और मणिपुर हिंसा कुकी और मैतेई के बीच हो रही है। चूँकि मणिपुर की राजनीति, पुलिस प्रशासन व न्यायपालिका पर हमेशा से ही मैतेई लोगो का कब्ज़ा रहा है और ऐसी कई ख़बरें भी सामने आयी है जिसमें पुलिस कुकी लोगो के साथ भेदभाव कर रही है।
मणिपुर पुलिस की ऐसी ख़बरें और वीडियो सामने आयी थी जिसमें वह भारतीय सेना के जवानों से लड़ रहे थे। जिसमें भारतीय सेना के जवानों ने अपनी जान भी गवाई।
बता दें कि न्यायपालिका का फैसला जिसमें वह मैतेई लोगो को अनुसूचित जाति का दर्जा दे रही थी। जिसकी वहज से ही मणिपुर में इतनी हिंसा हुई। यह सब फैसलों की वजह से यह हालत आ गए हैं कि कुकी समुदाय के लोग किसी पर भरोसा नहीं कर रहे हैं।
अभी तक मणिपुर हिंसा में 150 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं लेकिन राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार कोई भी नेता मणिपुर में हो रही हिंसा की न तो ज़िम्मेदारी ले रहा है और न कोई सुध ऐसा लग रहा है, जैसे हिंसा होने दी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी विदेश में जाकर अपनी छवि तो चमका रहे हैं लेकिन शायद प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर का रास्ता भूल गए हैं।