
काफी दिनों से सीरिया से लेकर म्यामांर तक शरणार्थियों पर एक अलग बहस चल रही थी। इसके अलावा मुसलमानों को अमेरिका से निकाल देने वाला डोनाल्ड ट्रंप का बयान भी काफी चिंतनीय था।
जिसपर चिंता मौजूदा राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी जताई। ओबामा ने बीते दो दिन पहले ही आखिरी बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप के बयान की निंदा करते हुए कहा था कि, अमेरिकी मुस्लिम भी उतने सच्चे हैं जितने बाकी अमेरिकी।
लेकिन इनसब के बीच नार्थ अमेरिका में स्थित कनाडा से एक ऐसा फैसला आया जिसकी तारीफ खुद व खुद एक बहुत बड़ी मिसाल बन गई। पूरी दुनिया में। कनाडा के प्रधानमंत्री टी. जस्टिन ने अपनी सरकार में सोमालिया से आए अहमद हुसैन को शामिल किया।
हुसैन को अप्रवासी व शरणार्थी व नागरिक मंत्रालय सौंपा गया। इसकी जानकारी खुद कनाडा के प्रधानमंत्री टी. जस्टिन ने ट्विट करते हुए दी।
Please welcome Ahmed Hussen to Cabinet as Minister of Immigration, Refugees and Citizenship. pic.twitter.com/AuGohAfZF3
— Justin Trudeau (@JustinTrudeau) January 10, 2017
जब पूरे देश में शरणार्थी और मुसलमान बहस के केंद्र में हो। उस वक्त में नार्थ अमेरिका के इस देश की सरकार ने मुस्लिम अहमद हुसैन को सरकार में शामिल किया।
हुसैन 1993 में 16 साल की उम्र में कनाडा आए थे। साल 2002 में अंडरग्रेजुएट यार्क यूनिवर्सिटी से किया बाद में साल 2012 में लॉ की डिग्री ओटावा यूनिवर्सिटी से ली।
हुसैन कनाडा में सोमालिया से आए पहले सांसद हैं। हुसैन शुरू से कनाडा में मानवाधिकार के लिए लड़ते रहे हैं। पेशे से वकील अहमद हुसैन हमेशा कनाडा में शरणार्थियों के लिए आवाज उठाते रहे हैं।