भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जिस आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स लिमिटेड नाम की कंपनी ने सबसे बड़ा चंदा दिया है उसकी टेरर फंडिंग मामले में जांच चल रही है। इस कंपनी पर आरोप है कि 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों की आरोपी इकबाल मेमन उर्फ इकबाल मिर्ची से इसके संपत्ति खरीदने और लेनदेन के रिश्ते हैं।

इस मामले पर खुलासा करते हुए रोहिणी सिंह द वायर पर लिखती हैं- ‘बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनी आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स लिमिटेड की टेरर फंडिंग मामले में जांच चल रही है। ये जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है।’

एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने का दावा करती है, प्रधानमंत्री तमाम रैलियों और सभाओं में जाकर आतंकवाद के खात्मे की बात करते हैं वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी को वहीं दूसरी तरफ 10 करोड़ चंदा मिलते ही एक टेरर फंडिंग की आरोपी कंपनी को देशभक्त बना लेते हैं ?

गौरतलब है कि आरकेडब्ल्यू ने भाजपा को 10 करोड़ का ये चंदा 2014-15 में दिया था। इसी साल जनवरी में इसपर बड़ा खुलासा करते हुए कोबरापोस्ट ने बताया था कि भाजपा को इतना बड़ा चंदा देने वाली यह कंपनी डीएचएफएल से जुड़ी हुई है। ध्यान देने की बात है कि डीएचएफएल इन दिनों दिवालिया हो चुकी है ।

इस खुलासे का सबसे दिलचस्प पहलू यह भी है कि द वायर की स्टोरी में अमित शाह के एक बयान का भी जिक्र किया गया है। जिसके मुताबिक- टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में शाह का हवाला देकर कहा गया था कि इकबाल मिर्ची के साथ कंपनियों के सौदे राजद्रोह से कम नहीं है

अगर गृह मंत्री अमित शाह यह मानते हैं कि इकबाल मिर्ची के साथ लेन-देन या सौदा करने वाली कंपनी राजद्रोही है तो फिर भारतीय जनता पार्टी ने सबसे ज्यादा चंदा उसी आरोपी कंपनी से क्यों लिया है  ?

क्या ये विडंबना नहीं है कि जिसपर आतंकी गतिविधियों को फंड करने वाली कंपनी से लेनदेन के आरोप हैं वही कंपनी सबसे बड़ा चंदा बीजेपी को देती है! ऐसे में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री द्वारा राष्ट्रवाद पर किए जा रहे इन बड़े-बड़े दावों की पोल खुलती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here