सत्ता की आंख में आंख मिलाकर पत्रकारिता कैसे की जाती है इसकी मिसाल सीएनएन ने पेश की है।
सीएनएन रिपोर्टर के सख्त सवालों से घबराकर हंगामा खड़ा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में उस रिपोर्टर की एंट्री बैन कर दी थी लेकिन राष्ट्रपति को अदालत में चुनौती देकर मीडिया ने जीत हासिल की है।
बीबीसी न्यूज के मुताबिक जज ने सीएनएन के हक में फैसला सुनाया है और आदेश दिया है कि सीएनएन के पत्रकार जिम अकोस्टा को व्हाइट हाउस में एंट्री की परमिशन है, व्हाइट हाउस उनकी इस मान्यता को पुनः बहाल करे।
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भले ही अमेरिका के राष्ट्रपति को दुनिया का सबसे ताकतवर व्यक्ति कहा जाता हो लेकिन सीएनएन ने अपने रिपोर्टर का साथ देकर और ट्रंप को कोर्ट में चुनौती देकर यह दिखा दिया कि अगर कहीं मीडिया के पास हिम्मत है तो वह सत्ता की बड़े से बड़े व्यक्ति को झुका सकता है।
Judge orders White House to restore CNN journalist Jim Acosta's access, revoked after clash with Donald Trump https://t.co/On4KQ9KYHF
— BBC Breaking News (@BBCBreaking) November 16, 2018
यह भारतीय मीडिया के लिए एक सबक भी है और शर्म की भी बात भी है। सबक है कि कैसे सत्ता से सवाल किया जाता है और अप्रिय स्थिति में सत्ता को चुनौती दी जा सकती है और शर्म की बात यह है कि भारतीय मीडिया सत्ता के सामने नतमस्तक हो जाती है, जब सख्त सवाल करने की बारी आती है तो ‘जी मोदी जी’ से आगे नहीं बढ़ पाती है ।
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दिलचस्प बात यह है कि आज के दिन भारत देश ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ मना रहा था तब अमेरिका से आई इस तरह की खबर देखकर क्या शर्मिंदा हुआ होगा कि वहां के प्रेस और हमारे यहां के प्रेस में अभी जमीन आसमान का अंतर है।