2019 में दो मस्जिदों पर हुए आतंकी हमलों को रोक पाने में नाकाम रहने के लिए न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने अपनी सरकार की ओर से माफी मांगी है।

उन्होंने ये माफ़ी न्यूजीलैंड रॉयल कमीशन ऑफ इंक्वायरी की ओर से जारी की गई उस रिपोर्ट के बाद मांगी, जिसमें कहा गया है कि नरसंहार को रोकने के लिए अधिकारी कुछ भी नहीं कर सकते थे।

प्रधानमंत्री ने रिपोर्ट का स्वागत करते हुए कहा, “रॉयल कमीशन को किसी भी सरकारी एजेंसियों के अंदर कोई विफलता नहीं मिली जिससे उस व्यक्ति की योजना और तैयारी का पता लगाने की पहले से जानकारी मिल पाए, लेकिन हमने कई सबक सीखे और हमें महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बदलाव करने की ज़रूरत है।”

आयोग ने रिपोर्ट में खुलासा किया है कि सुरक्षा एजेंसी ने हमले से पहले दक्षिणपंथी आतंकवाद पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया। इसपर प्रधानमंत्री अर्डर्न ने कहा, “जबकि आयोग ने नहीं पाया कि इससे हमले को रोका जा सकता था, ये विफलताओं से कम नहीं था और इसके लिए सरकार की ओर से मैं माफी मांगती हूं।”

800 पन्नों की रिपोर्ट में रॉयल कमीशन ऑफ इंक्वायरी ने निष्कर्ष निकाला कि हमलावर किसी हमले की योजना बना रहा है, इस बात के स्पष्ट संकेत नहीं थे।

हमलावर के स्थानीय लोगों के साथ बहुत कम संवाद थे। हमलावर ने कट्टरपंथ यूट्यूब से सीखा। यह सब उसने ऑस्ट्रेलिया में रहते हुए किया।

रिपोर्ट कहती है हमलावर ने हमले के पहले न्यूज़ीलैंड के लोगों से सतही संपर्क बनाए और उसने किसी को शक तक नहीं होने दिया कि वह इस तरह की कोई योजना बना रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, हमलावर की मुखबिरी भी किसी ने नहीं की जिससे हमले को रोका जा सकता था।

बता दें कि 15 मार्च 2019 को 30 साल के ऑस्ट्रेलियाई टैरेंट ने क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में हमला कर 51 निर्दोष नमाजियों की जान ले ली थी। उसने 20 मिनट तक क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में आतंक फैलाया था। इस हमले ने पूरी दुनिया को दहला दिया था।

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