आखिरकार भारत के सिख समुदाय के लिए 70 सालों का इंतजार आज खत्म हुआ। आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत से जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित गलियारे की आधारशिला रखी।

इस दौरान भारत की ओर से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, हरसिमरत कौर और नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान में कोरीडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में मौजूद रहें।

साथ ही पाकिस्तान की ओर से खुद प्रधानमंत्री इमरान खान और सरकार के बड़े मंत्री इस शिलान्यास में शामिल हुए। यह गुरुद्वारा सिख धर्म में सबसे महत्वपूर्ण है।

माना जाता है कि पाकिस्तान में रावी नदी के किनारे मौजूद करतारपुर साहेब में गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के 18 साल बिताए थे। गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर पाकिस्तान के ज़िला नारोवाल में है जो लाहौर से करीब 120 किलोमीटर दूर है।

ये गुरुद्वारा भारत की सीमा से करीब 3 किलोमीटर दूर है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस कोरीडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में भारत के साथ रिस्ते मजबूत करने के इच्छा जाहिर करते हुआ कहा कि मैं हिंदुस्तान के साथ मजबूत दोस्ती चाहता हूँ।

हम करतारपुर में सभी सुविधाएँ देंगे। हम फ़्रांस और जर्मनी की तरह एक हो सकते हैं। हम दोनों के बीच की जंज़ीरें तोड़ेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार शुरू होगा।

सिद्धू की तारीफ करते हुए इमरान खान ने कहा कि आज लग रहा है कि पाकिस्तान में हिंदुस्तान खड़ा है। उन्होंने कहा कि अगर नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान में चुनाव लड़ लें तो जीत जाएंगे।

दरअसल 21 नवंबर को भारत सरकार ने डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक एक कॉरिडोर बनाने की घोषणा की ताकि सिख श्रद्धालु गुरु नानक की कर्मस्थली करतारपुर गुरुद्वारे के दर्शन कर सकें।

भारत सरकार की इस घोषणा के कुछ घंटों के भीतर ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि वो बाबा गुरु नानक के 550 प्रकाश पर्व पर पहले ही कॉरिडोर बनाने की घोषणा कर चुके हैं।

उन्होंने ऐलान किया कि 28 नवंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस कॉरिडोर के निर्माण की नींव रखेंगे। आपको बता दें कि भारत की तरफ से सोमवार को उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आधारशिला रखी थी।

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