‘इस बार दंगा बहुत बड़ा था। खूब हुई थी ख़ून की बारिश। अगले साल अच्छी होगी फसल मतदान की’ ये रचना है जनकवि गोरख पाण्डेय की। कुछ महीनों में आम चुनाव होने वाले हैं ऐसे में भारत मतदान की फसलों की तैयारी कर रहा है।

मतदान की फसल उगाने में गोदी मीडिया बीजेपी की मदद कर रहा है था, राम मंदिर, हिंदू-मुस्लिम मुद्दा अपने चरम पर था। इस तैयारी के बीच एक दुखद घटना हो गई। 14 फरवरी को कश्मीर के पुलावामा में चरमपंथियों ने 44 जवानों की हत्या कर दी। हत्या की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली।

इसके बाद क्या था… भारतीय गोदी मीडिया जो कल तक राम मंदिर और हिंदू मुस्लिम के मुद्दों से बीजेपी के लिए महौल बना रहा था, अचनाक पाकिस्तान से जंग की तैयारी करने लगा।

44 जवानों की मौत पर टीआरपी लूटने की ऐसी अश्लीलता फैली कि मीडिया संवेदनहीनता के नाले में गोते लगाने लगा। उन्मादी भाषा, जवानों के परिवार से असंवेदशील सवालों की झड़ी लग गई।

एंकरों ने स्टूडियो से इतनी बार युद्ध का ऐलान किया किया कि सड़क पर एक हिंसक भीड़ तैयार हो गई। ये भीड़ कश्मीरी नागरिकों पर हमला करने लगी, सड़कों पर राष्ट्रवाद ने नाम पर महिला विरोधी गालियां देने लगी, अमन-शांति की बात करने वाले पत्रकारों को जान से मारने की धमकी, बलात्कार की धमकी, अश्लील तस्वीरे भेजी जाने लगीं।

44 जवानों की मौत ने कारसेवक पत्रकार को अचानक राष्ट्रसेवक बना दिया। मतदान की फसल ये आज भी तैयार कर रहे हैं लेकिन फिलहाल मुद्दा राम मंदिर नहीं पाकिस्तान, सेना, युद्ध है।

पुलवामा में हुए आतंकी हमले के पांच दिन बाद आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की प्रतिक्रिया आयी। उन्होंने घटना में पाकिस्तान का हाथ होने से इनकार करते हुए कहा कि बिना किसी सुबूत के क्यों जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। आखिर इस घटना से पाकिस्तान को क्या फायदा है। जब पाकिस्तान स्थिरता की ओर जा रहा है। जब युद्ध के कारण हजारों पाकिस्तानी मारे गए हैं। फिर ऐसी घटना से पाकिस्तान को क्या फायदा है।

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इमरान खान ने सबुत मिलने पर एक्शन लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि आप तहकीकात करना चाहें तो हम तैयार हैं। पाकिस्तान की संलिप्तता का आप सुबूत देंगे तो गारंटी देता हूं कि मैं एक्शन लूंगा।

इसके बाद इमरान खान ने युद्ध और वार्ता दोनों की बात की। उन्होंने कहा अगर भारत युद्ध करेगा तो पाकिस्तान सोचेगा नहीं बल्क जवाब देगा। क्योंकि पाकिस्तान के पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा। हम सब जानते हैं कि युद्ध शुरू करना आसान है, यह इंसान के हाथ में है, मगर युद्ध खत्म करना इंसान के हाथ में नहीं होता। यह मसला आखिर में डॉयलाग से हल होगा।

इमरान खान के इन बातों के बाद भारतीय मीडिया एक बार फिर मोदी मोदी करने लगा। आज तक ने अपने शो दंगल में डिबेट का मुद्दा रखा ‘मोदी से डर गया पाकिस्तान!’

जबकि इमरान खान की वीडियो में डरने जैसा कुछ नहीं दिखा। पाकिस्तानी पीएम ने साफ कहा है कि अगर भारत हमला करेगा तो वो जवाब देंगे। ये चोरी सीनाजोरी वाली बात है डरने वाली नहीं है। फिर गोदी मीडिया क्यों लिख रहा है कि मोदी डर गया पाकिस्तान?

क्या पाकिस्तान के नाम पर मीडिया मोदी के लिए वोटों की फसल तैयार कर रही है? इसका जवाब ‘हां’ भी हो सकता है क्योंकि गोदी मीडिया मोदी के लिए क्या कर सकता है इसका खुलासा कोबरा पोस्ट अपनी स्टिंग में हो चुका है।

पाकिस्तान को कैसे जवाब देना है इसकी तैयारी सेना कर रही है। पीएम मोदी और गृहमंत्री ने भी चरमपंथियों को सबक सिखाने की बात कही है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि पाकिस्तान भारत से डरा हुआ। इमरान खान की बात में डर नहीं था। हां, उन्होंने ये जरूर कहा कि युद्ध से मसले का हल नहीं होगा, डॉयलाग से होगा।

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इमरान खाना की सबुत देने वाली बात भी फर्जी लगती है क्योंकि पाकिस्तान में बैठा जैश ए मोहम्मद का सरगना खुद कह रहा है कि उसने हमला किया तो फिर सबुत की क्या जरूरत। पाकिस्तान पहले इस तरह के हमलों को नकारता रहा लेकिन हकीकत सबको पता है।

हालांकि युद्ध कोई समाधान नहीं है ये भी सबको पता है। ऐसे में गोदी मीडिया और कथित रक्षा विशेषज्ञों द्वारा बार बार युद्ध की बात करना उन्मादी लगता है। सेना को कैसे जवाब देना है, ये सेना को ही तय करने देना चाहिए।

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