Arvind Shesh
इंसाफ ऐसे ही मरता है…
सरेआम की गई हत्याओं के
बलात्कारों के
कत्लेआम के
वीडियो होने के बावजूद
कोई सबूत नहीं मिलेंगे
और हत्यारे, बलात्कारी
कत्लेआम के योजनाकार
सब बरी किए जाएंगे
बाइज्जत बरी
क्योंकि इंसाफ का तकाजा यही है
कि हत्यारे और बलात्कारियों को
बाइज्जत बरी किया जाए..
और उनके नाम
अपने माथे पर सजा कर
आरती उतारी जाए
जैसे लक्ष्मणपुर बाथे… बथानी टोला…
जैसे तमाम जनसंहारों में
मार डाले गए लोगों को
इस देश की अदालतों के फैसलों के
लब्वोलुआब के मुताबिक
किसी ने नहीं मारा था
वे सब मरे थे अपने-अपने भाग्य की मौत
क्योंकि उनके मारे जाने के सबूत नहीं थे
लेकिन वे मारे गए थे सरेआम
सबूतों और गवाहों के सामने
लेकिन चूंकि अदालत कह रही है
तो सही ही कह रही होगी
कि जो मारे गए
उनके मारे जाने के सबूत नहीं हैं
कोई बात नहीं
हत्यारों को जीवन देते हुए
इंसाफ ऐसे ही मर जाता है…!