बाबा रामदेव जैसे कालाधन लाये, जैसे पेट्रोल 35 रुपये में बिकवा रहे हैं, उसी तरह हर प्रोडक्ट में आपको कई साल से औषधि भी खिला रहे हैं। शास्त्रों में इसे जहर कहा गया है। खाने पीने के समान में मिलावट गंभीर अपराध है लेकिन बाबा को अभयदान मिला हुआ है।

आप बाजार से हल्दी लाएं तो हल्दी है, लेकिन बाबा की हल्दी, मिर्चा, चूरन, चटनी सब औषधीय गुणों से युक्त है।

बाबा झूठ के अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड एम्बेस्डर हैं लेकिन संत भी हैं। परसाई जी ने कहा था कि धर्म को धंधे से जोड़ दिया जाये तो इसे योग कहते हैं। बाबा इसी योग के महान योगी हैं।

तो हुआ ये है कि पतित-तिलांजलि ब्रांड का गाय का घी घटिया है। इसका सैंपल फेल पाया गया है। पहले राज्य की प्रयोगशाला में चेक हुआ तो सैम्पल फेल हो गया।

कंपनी ने कहा- रिपोर्ट गलत है। हमारा घी अमृत है। फिर केंद्रीय प्रयोगशाला में भी चेक हुआ। फेल हो गया।

2021 में दीपावली पर टिहरी के घनसाली में एक दुकान से सैंपल लिया गया था। खाद्य सरंक्षा अधिकारी एमएन जोशी ने कहा है कि प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार पतंजलि घी में मिलावट और घी मानकों के अनुरूप नहीं है। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

यह ठग्गू बाबा घटिया माल खिला-खिला कर अरबपति हो गया लेकिन लालच देखिये कि जनता को जहर खिला रहा है।

अलग-अलग जाँच में इनका तेल, मसाला, घी, मैगी, शहद और कई सामान घटिया पाया गया है लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

हमने कई लोगों को देखा है कि वे पतित-तिलांजलि ब्रांड का सामान इस्तेमाल करते हैं और कहते हैं कि यह स्वदेसी है, शुद्ध है, अमृत है और न जाने क्या क्या है। क्या आप भी उन्हीं में से एक हैं?

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