सार्वजनिक सूत्रों से अंदर की खबर यह है कि कोरोना वायरस ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है। उसने बीजेपी विधायक राजा सिंह को छूट भी दे दी कि मशाल जुलूस निकालो, हम तुम्हारे जुलूस में नहीं फैलेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, कोरोना ने वादा किया है कि वह बीजेपी के किसी भी जुलूस में किसी को संक्रमित नहीं करेगा। उसने कमल फूल की पैंसठ पार पंखुड़ी की शपथ खाकर कहा है कि वह सिर्फ जमातियों के जलसे में फैलेगा, बीजेपी के जुलूस को कोरोना मुक्त रखेगा।
सूत्रों ने यह भी बताया कि बीजेपी विधायक राजा सिंह ने कल जिस तरह मशाल जुलूस निकाला, उसके दो अर्थ हैं: या तो पार्टी कार्यकर्ताओं को जुलूस निकालने का निर्देश था, या फिर मोदी जी की बात अब उनकी पार्टी के ही लोग नहीं सुनते। अगर राजा सिंह पर कार्रवाई होती तब ये दोनों बातें गलत होतीं।
मजेदार यह है कि सामुदायिक संक्रमण के नाम पर हम सिर्फ जमातियों पर गंभीर हुए। बाकी हर समुदाय में वैसे ही कारनामे हुए लेकिन उसकी निंदा भी कौन करे? जमातियों के जलसे से जो माहौल बना था, वह मजा इसमें नहीं है। दो अपराधों की कोई तुलना नहीं है। मसला सिर्फ इतना है कि अपने हिसाब से पक्ष या विपक्ष चुन लेते हैं। क्या ही बढ़िया है कि एक ही जैसे अपराध को हम दो निगाह से देखते हैं!
सोचिए कि अगर राजा सिंह का नाम रहमान खान होता और पार्टी कोई और होती तब क्या होता? बस सोच कर देखिए। मीडिया वुहान से सीधा लाइन खींचकर तार भी जोड़ देता! खैर, इसे जानें दें।
अब “चाइना वायरस गो बैक” का नारा लगाने वाले विधायक की बुद्धि पर चर्चा करना बेकार है। हमारे नेतागण रोज इस बात का सबूत पेश करते हैं कि वे जनप्रतिनिधि बनने लायक नहीं थे, आप जनता जनार्दन ही नहीं मानते!
उनके “चाइना वायरस गो बैक” के नारे से एक मजाकिया मगर सच्चा ख्याल आया कि संघ परिवार के लोग अगर अंग्रेजों के सामने “साइमन कमीशन गो बैक” कहने की हिम्मत जुटा पाए होते, तो आज ऐसे होनहार कार्यकर्ताओं को “चाइना वायरस गो बैक” नहीं कहना पड़ता।
अगर आपको भी पॉजिटीविटी का दौरा पड़ता हो तो इसमें पॉजिटिव यह है कि राजा सिंह के जुलूस में मशालों से जो लपटें उठीं, उनने देश ही नहीं, दुनिया के वातावरण को शुद्धतम कर दिया है. यह मैं नहीं, दुनिया की सबसे बड़ी वैज्ञानिक एजेंसी झांसा ने कन्फर्म किया है.
( ये लेख कृष्णकांत के फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है )