आज 23 जुलाई है आपको याद होगा। आज से चार महीने पहले भारत में 23 मार्च को ही देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया गया था जनता कर्फ्यू में हमने खूब ताली थाली बजाई थी और अगले दिन से सब बन्द हो गया था।

उस दिन देश 450 के लगभग मामले थे कुछ ही लोगो की जान गई थी लेकिन आज 23 जुलाई को बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड 45 हजार 720 नए केस सामने आए हैं। इसके अलावा 1129 लोगों की जान भी गई है।

अगर आज यह प्रश्न नही पूछा जाएगा तो कब पूछा जाए कि यदि आज ये स्थिति है तो भारत ने लॉक डाउन कर आखिर हासिल क्या किया ?

भारत में आज कुल केस 12 लाख 40 हजार के आसपास है अब हम दक्षिण एशिया के दूसरे बड़े देश पाकिस्तान की बात कर ले…तो बहुत से लोग आग बबूला हो उठेंगे लेकिन मनो मालिन्य को एक तरफ रखे और जरा विचार करे पाकिस्तान।में आज केस मात्र 2 लाख 70 हजार के आसपास ही है जबकि सिर्फ महाराष्ट्र में केस 3 लाख के ऊपर पुहंच गए है।

भारत ने कड़ा लॉक डाउन किया लेकिन पाकिस्तान ने लॉक डाउन नही लगाया उसने आम नागरिकों की रोजी रोटी नही छीनी. इमरान ने सेल्फ लॉक डाउन की नीति का पालन किया
आज हमारे यहाँ नए केस 45 हजार निकले है वहाँ नए केस 1300 के आसपास ही आए हैं हमारे यहाँ 30 हजार के आसपास मौतें है वहाँ साढ़े पाँच हजार के आसपास मौतें हुई है, आज भारत में ग्यारह सौ मौतें हुई है।

वहाँ आँकड़े अब रोजाना 50 से भी कम मौतें के दर्ज हो रहे हैं भारत मे कोरोना मरीजो का कर्व बढ़ता जा रहा है वहाँ कर्व फ्लैट होने के बाद गिर रहा है…… वहाँ अब केस रिकवरी ज्यादा हो रही है उसकी तुलना में केस रोजाना कम दर्ज हो रहे हैं।

जब कोरोना शुरू हुआ तो हमारा मीडिया हमे पाकिस्तान के बारे में क्या दिखा रहा था याद जरूर कीजिएगा। बहुत से लोग इस प्रश्न से चिढ़ जाएंगे लेकिन वह ठंडे दिमाग से दोनों देशों के उदाहरण पर एक बार विचार जरूर करे।

आखिर हमने इस लॉक डाउन से हासिल क्या किया ?

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