पूरी दुनिया जहां एक खतरनाक महामारी की चपेट में है वहीं भारत महामारी के साथ-साथ सीमा पर मिल रही तमाम चुनौतियों को भी झेल रहा है। पड़ोसी देश चीन के साथ हाल ही में हुए विवाद के बाद सीमा पर तनाव बढ़ा है।

हालांकि युद्ध जैसी स्थिति बनने के बाद अब मामले में थोड़ी सी नरमी देखी गई है और कुछ दिनों से शांति की खबर आ रही है मगर पड़ोसी देश की अपनी सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर रहा है।

तमाम सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण करने के बाद चीन हिमाचल से जुड़े सीमा क्षेत्र में सड़क का निर्माण कर रहा है/ इस बात का दावा करते हुए कॉलमकार सौमित्र रॉय लिखते हैं-

अरुणाचल, सिक्किम, लद्दाख के बाद अब चीन हिमाचल प्रदेश से लगी सीमा में भी सड़क बना रहा है।

हिमाचल की चीन के साथ 240 किमी की सरहद है। किन्नौर के 36 और लाहुल-स्पिति के 12 गांव सरहद पर हैं। किन्नौर का खूबसूरत कस्बा पूह उनमें से एक है।

चीन की गुस्ताखी के बाद राज्य की बीजेपी सरकार को अब ऊंचे पहाड़ों में सड़क बनाने की याद आई है।

राज्य के डीजीपी ने रक्षा मंत्रालय और NSA के सामने प्रेजेंटेशन दिया है। बिलासपुर-लेह के बीच 465 किलोमीटर की रेल परियोजना का काम अभी नक्शे तक सीमित है।

सड़क से यह लगभग 2 दिन का रास्ता है। चीन ने 1100 किमी का चिंगहई-तिब्बत रेलमार्ग बना लिया है। हिमाचल की आधी सड़कें हर साल बारिश में बह जाती हैं।

भारत को बुलेट ट्रेन की नहीं, रेल संपर्क की ज़रूरत है। चीन यह याद दिला रहा है।

बहरहाल, चीन इस बार दूरगामी सोच के साथ काम कर रहा है।

हम मंदिर बना रहे हैं।

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