पहली तिमाही की जीडीपी -23.9 प्रतिशत, मोदी जी आपका कोई विकल्प नहीं है।
आज जीडीपी के आंकड़े आए हैं। भारत की किसी भी पीढ़ी ने ये आंकड़े नहीं देखे होंगे। 5 अगस्त को नए भारत के उदय के बाद इन आंकड़ों ने रंग में भंग डाल दिया है। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही की जीडीपी -23.9 प्रतिशत आई है।
सावधान हो जाएं। आर्थिक निर्णय सोच समझ कर लें। बल्कि अब यही ठीक रहेगा कि सुशांत सिंह राजपूत का ही कवरेज देखते रहिए।
यह बर्बादी की ऐसी सतह है जहां से आप अब बेरोज़गारी के प्रश्नों पर विचार कर कुछ नहीं हासिल कर सकते।
इसका मतलब है कि पढ़ने वाला और लिखने वाला दोनों में से कोई नहीं बचेगा. साधु मरिहें जोगी मरिहें, मरिहें संत कबीर. साधो….
अर्थव्यवस्था के बारे में अभी तक झूठ बोला जा रहा है। जो है उसे नहीं बोला जा रहा है। जो होगा या जो नहीं होगा उसके बारे में अनर्गल बातें हो रही हैं कि आपके ज़िले में पेठा बनता है या पुड़िया बनती है, खाजा बनता है या खिलौौना बनाता है, उसके निर्यात से भारत आत्मनिर्भर बनेगा। कमाल है।