लीजिए ! उत्तराखंड की बीजेपी सरकार के बाद कांग्रेस की राजस्थान सरकार ने भी रामदेव को फ्रॉड घोषित कर दिया । राजस्थान सरकार का कहना है कि कि पतंजलि ने उनसे कोई परमिशन नहीं ली थी. बाबा रामदेव ने बिना परमिशन ट्रायल किया है।
यह फ्रॉड है, न कि ट्रायल. मरीजों का रिजल्ट निम्स में तीन के अंदर नहीं आता है। जिन पर ट्रायल किया गया, वो असिम्टोमेटिक केस थे और उसी दिन वह निगेटिव हो जाते हैं।
सरकार का दावा है कि जिस निम्स में जिन मरीजो के कोरोनिल का क्लीनिकल ट्रायल की बात रामदेव कर रहे हैं उस निम्स में किसी भी मरीज की रिपोर्ट तीन दिन में नहीं आती है और जिन मरीजों पर ट्रायल किया गया, वह उसी दिन निगेटिव हो जाते हैं।
साफ दिख रहा है कि कोरोनिल के नाम पर लाला रामदेव भयंकर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं कल सबसे पहले आयुष मंत्रालय फिर उत्तराखंड सरकार के आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी द्वारा ओर फिर अभी राजस्थान सरकार के द्वारा रामदेव की नकली दवा का भंडाफोड़ हो गया है।
वैसे जब इतना कुछ हो ही गया है तो अब मोदी सरकार से एक आग्रह ओर है कि इस फर्जीवाड़े के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करते हुए बाबा के खिलाफ चार सौ बीसी का केस दाखिल करे और मीडिया जो ऐसी दवा का भ्रामक प्रचार कर रहा है उसके ऊपर भी कड़ी कार्यवाही करे।
(ये लेख पत्रकार गिरीश मालवीय के फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है)