बाबा रामदेव ने कल प्रेस कांफ्रेंस कर कोरोनिल पर फिर से ताल ठोक दी। बाबा रामदेव ने कहा कि अभी पतंजलि ने कोरोना पर ही रिसर्च किया है, पतंजलि ने कोरोनिल की दवाओं का क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल का रिजल्ट आउट किया था।
आगे उन्होंने कहा कि हमने कभी भी दवा (कोरोनिल) से कोरोना ठीक करने या कंट्रोल करने का दावा नहीं किया था। हमने कहा था कि उन्होंने एक ऐसी दवाई बनाई है जिससे कोरोना के मरीज ठीक हुए हैं। इसमें कोई भ्रम नहीं है।
वैसे अब यहाँ भी भ्रम कौन फैला रहा है साफ़ दिख रहा है। लेकिन अंत में उन्होंने एक महत्वपूर्ण बात कही कि पतंजलि आज से ही कोरोनिल किट को बेचने के लिए उपलब्ध करा रहा है।
अब गेंद आयुष मंत्रालय के पाले में है जिसने इस दवा की लॉन्चिंग के कुछ घंटे बाद ही प्रचार प्रसार और बिक्री पर रोक लगा दी थी है राजस्थान और महाराष्ट्र इस दवा पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुके है।
यदि इतना अधिक प्रोपेगेंडा खड़ा कर के अंततः पतंजलि कोरोनिल बेच ही रहा है तो ये माना जाएगा कि रामदेव सीधे सरकार को चुनौती दे रहा है यदि अब मोदी सरकार रामदेव के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करती है तो हमे ये मान लेना पडेगा कि देश में कानून नाम की कोई चीज बची ही नहीं है।
(ये लेख पत्रकार गिरीश मालवीय के फेसबुक वॉल से लिया गया है।)