ब्रज के कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर के खिलाफ छेड़छाड़ का केस दर्ज किया गया है। अनुसूचित जनजाति की एक महिला ने आरोप लगाया है कि देवकीनंदन ठाकुर ने उसके घर में घुसकर मारपीट और छेड़छाड़ की।
शिकायत सुनने के बाद मथुरा के हाईवे थाने पुलिस ने छेड़छाड़ का केस दर्ज किया है। महिला ने पुलिस को ये भी बताया है कि देवकीनंदन ठाकुर ने उसे जान से मारने तक की धमकी दी है।
इस मामले की छानबीन क्षेत्राधिकारी रिफाइनरी कर रहे हैं। सीओ रिफाइनरी वरुण कुमार ने बताया कि पीड़िता के प्राथमिक बयान के अनुसार, 27 फरवरी को वृंदावन के शांति सेवा धाम के मुख्य ट्रस्टी और भागवताचार्य देवकीनंदन ठाकुर, भाई विजय शर्मा, गजेंद्र, श्यामसुंदर, अमित और धर्मेंद्र के खिलाफ थाना हाईवे में मुकदमा दर्ज किया गया है।
वहीं इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने बीजेपी पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- क्या आज तक ऐसा कोई बाबा आया है, जो गलत कारणों से खबरों में आया हो और बीजेपी नेताओं के साथ उसकी तस्वीर न हो? ये तस्वीर नरेंद्र मोदी जी के ऑफिशियल फेसबुक पेज से। देवकीनन्दन पर SC-ST एक्ट के तहत मुकदमा हो गया है। #ArrestDevkinandanThakur
क्या आज तक ऐसा कोई बाबा आया है, जो गलत कारणों से खबरों में आया हो और बीजेपी नेताओं के साथ उसकी तस्वीर न हो?
ये तस्वीर नरेंद्र मोदी जी के ऑफिशियल फेसबुक पेज से. देवकीनन्दन पर SC-ST एक्ट के तहत मुकदमा हो गया है.
#ArrestDevkinandanThakur pic.twitter.com/YYdnmd2Vgk
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) March 2, 2020
दिलीप मंडल ने आगे लिखा- आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 मई, 2015 को अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज पर देवकीनन्दन के साथ तस्वीर लगाई थी। अब देवकीनन्दन पर SC-ST एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हो गया है। प्रधानमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए। वरना निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हो पाएगी।
कौन हैं देवकीनंदन ठाकुर
देवकी नंदन ठाकुर अकसर वृंदावन में ही रहते हैं। देवकीनंदन ने 2018 में एससी-एसटी एक्ट का विरोध किया था। जिसके बाद से वो लगातार मीडिया के सुर्खियों में बने हुए थे। देवकीनंदन ठाकुर ने कई मौकों पर भीम आर्मी पर ये आरोप लगाया था कि उन्हें धमकी दी जा रही है।
एससी-एसटी एक्ट के विरोध करने के दौरान देवकीनंदन के कई वीडियो भी वायरल हुए थे। जिसमें वो दलित समाज की आलोचना करते हुए भी नजर आए थे। इन्हीं विरोध प्रदर्शन के दौरान आगरा में देवकीनंदन ठाकुर को एक मीटिंग में पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेजा था। बाद में उन्हें मथुरा वापस भेज दिया गया था।