पिछले महीने सोशल मीडिया पर एक लॉ छात्रा का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें छात्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया था। छात्रा ने ये भी कहा था कि चिन्मयानंद से उसे और उसके परिवार को खतरा है। मामला सोशल मीडिया पर आने के बाद कोर्ट पहुंचा जहां अब पीड़िता ने चिन्मयानंद का काला चिट्टा खोलकर रख दिया है।

पीड़िता ने कोर्ट में बताया कि स्वामी चिन्मयानंद ने ब्लैकमेल कर रेप किया है। पीड़िता का हॉस्टल के बाथरूम में नहाने का वीडियो बनाया गया और उस वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर एक साल तक रेप करता रहा।

इसके साथ ही चिन्मयानंद ने शारीरिक शोषण का वीडियो भी बनाया और पीड़िता से मसाज करने का भी दबाव बनाता था, और कई बार उसके साथ बंदूक के दम पर भी रेप हुआ है। लड़की ने भी अपने बचाव के लिए चिन्मयानंद का वीडियो बनाया है। लड़की ने इसके लिए अपनी चश्मे में खुफिया कैमरा लगाया और चिन्मयानंद का वीडियो बनाया है।

पीड़िता ने बताया कि मैं वहां पढ़ने के लिए गई थी मगर चिन्मयानंद ने उसे नौकरी ही दे दी। नौकरी में काम का ज्यादा बोझ होने पर उसने हॉस्टल में रहना ठीक समझा जहां उसके साथ गलत हुआ।

NDTV के अनुसार, विशेष जांच दल (SIT) ने पीड़ित लड़की के हॉस्टल का कमरा देखा और सुबूत जुटाए। एसआईटी दोपहर में कॉलेज परिसर पहुंची। टीम ने करीब पांच घंटे तक छात्रा के कमरे का बारीकी से निरीक्षण किया। टीम के साथ फॉरेंसिक विशेषज्ञ भी मौजूद रहे।पीड़िता जिस कमरे में रहती थी, पुलिस ने उसे सील किया हुआ था। एसआईटी ने उसकी सील तोड़ कर मौका मुआयना किया।

गौरतलब हो कि बीजेपी नेता और मोदी सरकार में मंत्री रहे स्वामी चिन्मयानंद पर लॉ की छात्रा द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच होने के आदेश दिए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को आदेश देते हुए कहा कि सरकार इस मामले में एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन करे और चिन्मयानंद पर छात्रा द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करे, जांच की निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट के जिम्मे थी।

पिछले महीने 23 अगस्त को हॉस्टल से लापता हुई लॉ छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर शोषण के आरोप लगाए थे। छात्रा के पिता ने स्वामी चिन्मयानंद पर अपहरण और जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज कराया था। इसके बाद 30 अगस्त को राजस्थान में एक युवक के साथ मिली यहां पर एक न्यायाधीश ने उससे बातचीत की थी।

सुनवाई के दौरान पीड़िता के वकील ने कोर्ट को बताया कि उसे राजस्थान के दौसा में बरामद किया गया था। इसके बाद महिला वकील ने कोर्ट से गुजारिश की कि उसे पीड़िता से मिलना चाहिए।

इस दौरान छात्रा ने कहा था कि वह घर वापस जाना नहीं चाहती है और उसके परिजनों को भी दिल्ली बुला लिया जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि छात्रा को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

क्या आरोप लगाए थे छात्रा

गायब हुई छात्रा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी से न्याय की गुहार लगाई थी। इस वीडियो में पीड़िता ने स्वामी पर गंभीर आरोप लगाया था। वीडियो में उसने कहा था, ‘संत समाज का एक बहुत बड़े नेता ने मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी है। वो कहता है कि वो पुलिस, डीएम को जेब में रखता है। मेरे पास उस संन्यासी के खिलाफ साक्ष्य (सबूत) हैं। उसने कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्‍यमंत्री और मुमुक्षु आश्रम के प्रमुख स्‍वामी चिन्‍मयानंद पर दर्ज शिष्या से रेप का मुकदमा हटावा चुके है। इससे पहले इस संबंध में 9 मार्च 2018 को जिला मजिस्ट्रेट, शाहजहांपुर के कार्यालय से एक लेटर जारी किया गया था।

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