अभिनेत्री श्रीदेवी के निधन के बाद टीवी मीडिया ने तमाशे की हद तो पहले ही पार कर दी थी। कोई बाथटब में लेटकर रिपोर्टिंग कर रहा है तो कोई श्रीदेवी के स्वर्ग यात्रा का रास्ता दिखा रहा है। मगर अब इस मीडिया का असर सोशल मीडिया पर भी पड़ने लगा है।

यू ट्यूब के अधिकतर वीडियो में श्रीदेवी , शराब और उनके संबंधों पर ख़बरें दिख रही हैं ।

मीडिया के तमाशे और सोशल मीडिया पर इसके असर का विश्लेष्ण कर रहे हैं – दीपांकर पटेल

मीडिया क्रिटीक और सोशल साइंस के रिसर्चर ध्यान दें..

मीडिया किस तरह जनमत का निर्माण करती है इसे समझने के लिए अब आपको मैन्यूफैक्चरिग कंसेंट नहीं पढ़ना पड़ेगा। वाल्टर लिपमैन और जॉन डिवी की डिबेट तक जाने की जरूरत नहीं है, मैकॉम्ब और शॉ पढ़ने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है।

भारतीय मीडिया इन थ्योरीज का पॉव-रोल बना चुका है, आप एक बार में खा लीजिए। यूट्यूब इंडिया के टॉप 20 ट्रेन्डिंग वीडियोज को देखिए,
भारतीय मीडिया ने जिस तरह श्रीदेवी की मौत को लेकर सनसनी फैलाई उसका असर पब्लिक च्वाइस पर दिखने लगा है। Top 20 trending में से 16 वीडियोज श्रीदेवी की मौत पर हैं।

( नम्बर 1, 2, 4, 5, 6, 7, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 16, 18, 19, 20) इन सब टॉप ट्रेन्डिंग पर श्रीदेवी की मौत चल रही है। टॉप 20 के 16 स्लॉट पर श्रीदेवी कैसे मरी,क्यों मरी, होटल का कमरा कैसा था यही सब चल रहा है।

जो लोग कहते हैं कि मीडिया पैसा कमाने के लिए ये सब करता है और आम लोगों को भी ये पता है कि मीडिया पैसा कमाने के लिए सनसनी फैला रहा है वो आम आदमी का आधा सच ही जानते हैं। उन्हें इस ट्रेंड पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। दरअसल आम आदमी मीडिया को गरियाते हुए भी वैसा ही सोचता है जैसा मीडिया उसके सामने माहौल बनाती है।

जाहिर सी बात है कोई न्यूज चैनल लोगों पर यूट्यूब वीडियो देखने के लिए दबाब तो नहीं बना रहा, फिर लोग यूट्यूब पर श्रीदेवी की मौत का वीडियो देखने क्यों जा रहे हैं ? दरअसल लोग यूट्यूब पर उन सवालों का जवाब ढ़ूढ़ने के चक्कर में जा रहे हैं जो मेनस्ट्रीम मीडिया द्वारा पैदा किया गया है।

टीवी मीडिया कितनी भी नीचता पर उतर जाय लेकिन वो यूट्यूब वीडियोज के चमत्कारिक न्यूनतम स्तर को नहीं छू सकता। लोग मेनस्ट्रीम मीडिया को गलत तथ्य देने के लिए कोस सकते हैं, यूट्यूब पर ऐसा भी नहीं है।

तो लोग यूट्यूब पर उस मसाले का स्वाद लेने के चक्कर में जाते हैं जिसकी महक टीवी मीडिया से उन्हें मिली होती है। इस देश का आदमी इतना कुंठित है कि वो हर सेलीब्रेटी को नंगा हो जाते देखकर मजा लेना चाहता है। चाहे वो पहले उसकी नजर में पहले कितना ही सम्माननीय क्यों न रहा हो। टीवी मीडिया पर वो स्ट्रिप खुलती देखकर, यू ट्यूब पर उस नग्नता में उतरने जाता है। उसे वो मिलता है या नहीं ये अलग मसला है।

लोग अगर मौत पर ही गम मना रहे होते तो youtube के TOP 50 में मुजफ्फरपुर के बच्चों की मौत जरूर होती, लेकिन ऐसा नहीं है। यहां तक कि मैं ये बात भी दावे से कह सकता हूं कि खुद मुजफ्फरपुर वालों की दिलचस्पी बच्चों की मौत से ज्यादा श्रीदेवी की मौत में होगी।
लोग अपने मुद्दे भूलकर अगर छद्म मुद्दों में उलझे हैं तो इन सब की शुरूआत करने वाला कौन है? जाहिर सी बात है ये सब मेनस्ट्रीम मीडिया ही शुरू करता है।

आपने कभी सोचा है कि दाउद से श्रीदेवी के अवैध सम्बंध की बात करने पर भी लोग स्वामी के खिलाफ क्यों नहीं जा रहे? क्योंकि पार्टियों और प्रेस क्लब में रोज दारू पीने वाले पत्रकारों की नजर में भी श्रीदेवी का शराब पीना बहुत बड़ा मसला है। क्योंकि बात सिर्फ एल्कोहल की नहीं वाइन, खास तौर पर रेड वाइन की हो रही थी ABP न्यूज ने तो रेड वाइन भरा ग्लास बॉथ टब पर रख दिया था।

एक अन्य वीडियो की झलक –

अतिउत्साही मीडियकर्मी इस यूट्यूब ट्रेंन्डिग की दूसरी व्याख्या ये बोलकर कर सकते हैं कि “हम तो वही दिखा रहे हैं जो लोग देखना चाहते हैं, सबूत यूट्यूब ट्रेंडिंग है”, मैं इस व्याख्या के भी पक्ष में हूं लेकिन ऊपर जो बताया है उसके प्रभाव का असर ही इस ट्रेंडिग को पैदा करता है, फिर एक क्रम बनता चला जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here