चीनी जासूस से फंड लेने वाले ब्रिटिश सांसद बैरी गार्डिनर को मोदी सरकार ने पद्मश्री क्यों दिया? ब्रिटेन का जो सांसद चीनी जासूस से फंड ले रहा था, वह सांसद और वह जासूस भारत को नुकसान क्यों नहीं पहुंचाएंगे? क्या मोदी जी इस बारे में देश को कुछ बताएंगे?  जिस चीनी हस्तक्षेप से ब्रिटेन डरा है, क्या भारत को उससे कोई खतरा नहीं है?

पहले आप क्रोनोलॉजी समझिए

बैरी गार्डिनर चीनी जासूस क्रिस्टीन चिंग कुई से लंबे समय से फंड लेता था। क्रिस्टीन चिंग कुई का बेटा बैरी गार्डिनर के ऑफिस में काम करता था। जासूस क्रिस्टीन ब्रिटिश संसद में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को नष्ट करने की कोशिश कर रही थी। उससे फंड लेने वाला बैरी गार्डिनर मोदी जी का तकरीबन 20 साल पुराना दोस्त है जो उनके ‘वाइब्रेंट गुजरात’ जैसे आयोजनों में सहयोगी रहा। जो चीनी जासूस ब्रिटेन में लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए काम कर सकता है, वह भारत में ऐसा क्यों नहीं कर सकता? चीनी फंड और चीनी जासूस के जरिये ब्रिटेन के खिलाफ काम करने वाला मोदी जी का दोस्त भारत के खिलाफ काम क्यों नहीं कर सकता?

ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI5 ने खुलासा किया कि उनका सांसद ​चीनी जासूस से फंड ले रहा है तो पूरा ब्रिटेन सकते में आ गया। गुरुवार को गार्डिनर का इस्तीफा हो गया। गार्डिनर मोदी जी का दोस्त है। मोदी सरकार ने 2020 में जनसेवा के लिए गार्डिनर को पद्मश्री दिया था।

गार्डिनर ने कौन सी ऐसी जनसेवा की जिसका भारत के लिए महत्व था?

लेबर पार्टी का सांसद बैरी गार्डिनर मोदीजी का पुराना करीबी है। जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तबसे गार्डिनर लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के रूप में नरेंद्र मोदी के लिए लॉबीइंग कर रहा था। एक जमाना था जब अमेरिका और ब्रिटेन में नरेंद्र मोदी के खिलाफ माहौल था, यह यही गार्डिनर मोदी जी के पक्ष में माहौल बना रहा था। 2008 में गार्डिनर ने वाइब्रेंट गुजरात बिजनेस समिट के पक्ष में ब्रिटेन के 117 सांसदों का हस्ताक्षर जुटाया था। इसने गुजरात दंगों का दाग धोने के लिए 2013 में मोदी को ब्रिटिश संसद में एक विशेष कार्यक्रम में संबोधन के लिए आमंत्रित किया था। हालांकि, बहुत आलोचना और विरोध होने के बाद मोदी वहां नहीं जा सके।

मोदी का प्रशंसक रहा गार्डिनर 2014 और 2019 में मोदी के लिए चुनावी माहौल बनाने में आगे था। उनकी विदेश यात्राओं में उनका स्वागत करने में आगे रहा। जब मोदी की स्वीकार्यता नहीं थी, वह इन्हें विश्व स्तरीय नेता बताता फिर रहा था। मोदी जी ने उसे इस चापलूसी का इनाम पद्मश्री के रूप में दिया।

बैरी गार्डिनर का ब्रिटेन के भारतीय समुदाय के बीच काफी दखल है। वे भारतीय प्रवासियों में काफी लोकप्रिय बताये जाते हैं। वो जिस सीट से सांसद हैं, वहां भी भारतवंशी समुदाय की आबादी काफी ज्यादा है। यही लोकप्रियता उन्हें पद्मश्री देने का आधार बताई जाती है।

ऐसी खबरें हैं कि ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI5 के खुलासे के बाद ब्रिटेन के भारतवंशी समुदाय ​बेहद चिंतत है। लेकिन भारत का गोदी मीडिया इस पर चर्चा नहीं कर रहा है। यहां कोई हंगामा नहीं है। यहां चैन की बंसी बज रही है।

वहां भारतीयों ने मांग की है कि बैरी गार्डिनर को सफाई देनी चाहिए, सभी तथ्य सामने रखने चाहिए, हम जानना चाहते हैं कि क्या उन्होंने चीन के हितों को साधने के लिए किसी तरह से भारत को भी प्रभावित किया है?

किसानों, मजदूरों, मेहनतकशों और मानवाधिकारों के लिए हमेशा खड़ी रहने वाली लेबर पार्टी का सांसद होने के बाद भी यह आदमी मोदी के किसान विरोधी काले कानूनों का पक्षधर था।

ब्रिटेन का जो सांसद ब्रिटेन के साथ गद्दारी कर रहा था, वह भारत का मित्र कैसे हो गया? उसे भारतीय नागरिक सम्मान पद्मश्री से क्यों नवाजा ​गया? भारत सरकार की ओर से मेरी जानकारी में अभी तक इस पर कोई सफाई या बयान नहीं आया है।

मोदी जी के ​एक और झूला-मित्र हैं शी जिनपिंग, जिनकी सेना गलवान और अरुणाचल के कई इलाकों में लगातार कब्जा कर रही है। मोदी जी एक बार दिल्ली से सब सिग्नल-विग्नल-प्रोटोकॉल तोड़कर एक पाकिस्तानी के यहां भी पहुंच गए थे, बिरयानी खाकर लौट आए, उनसे भारत को क्या फायदा हुआ?  मोदी जी के सारे मित्र भारत विरोधी क्यों हैं?

(ये लेख पत्रकार कृष्णकांत के फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है)

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