बुलेट ट्रेन का भी बंटाधार। एक के पते – ठिकाने नहीं है औऱ 5 ट्रेन चलाने की बाते करते है। ये लोग कभी झूठ बोलने से थकते नहीं है क्या ?

खबर आयी है कि अनुचित रेट की वजह से कैंसल हुए टेंडर, भूमि अधिग्रहण में देरी, अंडरग्राउंड प्रॉजेक्ट जैसी वजहों से भारत की पहले बुलेट ट्रेन परियोजना कई मोर्चों पर अटक गई है, 2023 में चलने वाली बुलेट ट्रेन परियोजना को अब 2028 तक पूरा होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

पहले ये डेट एक साल आगे बढ़ाई गयी अब इसे 5 साल आगे खिसकाया जा रहा है।

दिसंबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो अबे द्वारा सितंबर 2017 में आधिकारिक तौर लगभग 12 बिलियन डॉलर की लागत से निर्मित होने वाली 505 किलोमीटर लंबी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का उद्घाटन किया गया था और एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे.

मोदी और उनके जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 14 सितंबर, 2017 को 1.08 लाख करोड़ रुपये (17 अरब डॉलर) की 508 किलोमीटर लंबी महत्वाकांक्षी अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड रेल परियोजना की आधारशिला रखी थी। प्रॉजेक्ट को 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था।

सरकार ने भूमि अधिग्रहण के अवरोध को समाप्त करने के लिए दिसंबर 2018 तक की एक समय सीमा तय की थी।

लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई कोई काम नहीं हुआ जबकि महाराष्ट्र और गुजरात दोनों जगह बीजेपी की सरकार थी। ये है इनकी कथनी और करनी का अंतर।

(यह लेख पत्रकार गिरीश मालवीय की फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है)

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