बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे 2014 का लोकसभा चुनाव जीतकर दिल्ली आए ही थे. उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. परिवार से लेकर चुनाव क्षेत्र तक में खुशी की लहर थी.

फिर अचानक 3 जून को खबर आई कि वे सुबह एयरपोर्ट जा रहे थे. रास्ते में एक टाटा इंडिका उनकी मारुति SX4 से साइड से टकरा गई और वे मर गए.

कुछ सवाल

1. उस दिन उनके साथ सिर्फ ड्राइवर वीरेंद्र कुमार और सेक्रेटरी सुरेंद्र नायर क्यों थे?

2. कैबिनेट मिनिस्टर होने के बावजूद उनके साथ एक भी सुरक्षा गार्ड क्यों नहीं था? उस दिन उनका पीएसओ कहां था, जिसे हर हालत में उनके साथ रहना चाहिए. था.

3. गाड़ी के साथ पायलट कार क्यों नहीं थी. एक अकेली गाड़ी में कैबिनेट मिनिस्टर सफर क्यों कर रहे थे?

4. जिस एक्सिडेंट में पिछली सीट पर बैठा एक आदमी मर गया, उस एक्सिडेंट में बाकी दो लोगों को खरोंच भी क्यों नही आई?

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5. जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किसका था?

6. जांच के दायरे में मुंडे की कार का ड्राइवर और उनका सेक्रेटरी क्यों नहीं था.

7. जिन सुरक्षाकर्मियों को मुंडे के साथ रहना चाहिए था, उनके खिलाफ कौन सी कार्रवाई की गई. उनसे पूछताछ क्यों नहीं की गई.

8. घटना के बाद बेटी पंकजा मुंडे ने शक जताते हुए जो फेसबुक पोस्ट लिखा, उसे डिलीट करने की जरूरत क्यों पड़ी?

औऱ आखरी बात

इस कार को देखिए. ये वही कार है, जिसमें मुंडे मृत पाए गए. थाना तुगलक रोड, नई दिल्ली की तस्वीर है.

क्या आपको लगता है कि इतने मामूली एक्सिडेंट में किसी की जान जा सकती है. और बाकी दो लोग इतने स्वस्थ बच गए कि मुंडे को अस्पताल ले गए और बयान भी दे दिया?

अगर मुंडे के साथ हुई घटना की सर्वदलीय संसदीय समिति की निगरानी में जांच कराई जाए, तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं.

  • दिलीप मंडल

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