दक्षिणपंथी संगठन हिंदू सेना ने इस बार ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया की पुण्यतिथि मनाने का फैसला किया है। इसके लिए हिंदू सेना ने मंगलवार (22 जनवरी) को दिल्ली के जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया है।

हिंदू सेना ने इस कार्यक्रम के लिए एक आमंत्रण भी छापा है। जिसमें लिखा गया है, “महारानी विक्टोरिया अमर रहें”। लोगों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित करते हुए लिखा गया है, “रानी विक्टोरिया की 118वीं पुण्यतिथि के मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हिंदू सेना 22 जनवरी को एक कार्यक्रम का आयोजन कर रही है”।

इस आमंत्रण में अंग्रेज़ों को आज़ादी दिलाने वाला बताते हुए लिखा गया है, “अंग्रेज़ों ने 1857 में विदेशी इस्लामिक आक्रमणकारियों/आतंकवादियों से भारत को आज़ादी दिलाने में मदद की और यह सही मायनों में भारत की पहली आज़ादी थी”।

महारानी विक्टोरिया की शान में तारीफों के पुल बांधते हुए आगे लिखा गया, “महारानी विक्टोरिया के गतिशील नेतृत्व में अंग्रेज़ों ने सैकड़ों देशी रियासतों को एक किया और एक कानून के तहत एक देश बन गया ”।

देश में पहली बार इस तरह के किसी कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भारत को ग़ुलाम बनाने वाले शासक को एक महानायक के रुप में पेश किया जा रहा है। 1857 की क्रांति के दौरान महारानी विक्टोरिया के नेतृत्व में अंग्रेज़ी सेना ने भारतियों पर जमकर ज़ुल्म ढ़ाए थे।

हिंदू सेना उसी महारानी विक्टोरिया की पुण्यतिथी मना रही है, जिसे ख़ुश करने के लिए अंग्रेजों ने भारत माता के लाल हवलदार आलम बेग को तोप से उड़ा दिया था। आलम बेग क्रांति के दौरान 46 रेजीमेंट बंगाल नॉर्थ इंफ्रेंट्री बटालियन का नेतृत्व कर रहे थे। इस बटालियन ने अंग्रेज़ी हुकूमत को चुनौती दी थी।

हैरानी की बात तो यह है कि हिंदू सेना भारत को आज़ाद मुग़ल शासन के ख़त्म होने को मानती है न कि अंग्रेज़ों से मिली आज़ादी को। इसीलिए हिंदू सेना के मुताबिक भारत 1947 में नहीं बल्कि 1857 में आज़ाद हुआ।

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