दिल्ली के दंगों में चांद बाबा !
यह है उत्तर-पूर्व दिल्ली के दंगाग्रस्त भजनपुरा स्थित चांद बाबा की मज़ार। सदियों से सभी धर्मों के लोगों की आस्था का केंद्र रहा यह मज़ार पिछले दिनों दंगाईयों द्वारा आग के हवाले कर दिया गया था।
स्थिति में सुधार होते ही कल वहां सज़दा करने पहुंची हिन्दू औरतों को देखकर सियासत और दंगाईयों की तमाम साज़िशों के बीच भी यह उम्मीद जगती है कि इस देश की गंगा-जमनी संस्कृति लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा है।
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वैसे भी सदियों से मेल-मिलाप और भाईचारे की इस तहज़ीब को जिंदा रखने में इन धर्मों के झंडाबरदारों की नहीं, सूफी संतों के मज़ारों और दरगाहों की बड़ी भूमिका रही है। मंदिरों- मस्जिदों की धार्मिकता से अलग ये ऐसी जगहें हैं जहां सभी धर्मों के लोग एक साथ एकत्र होकर अपनी श्रद्धा निवेदित करते हैं।
दिल्ली के लोगों में हज़रत निज़ामुद्दीन और अमीर ख़ुसरो की दरगाहों के साथ चांद बाबा की इस मज़ार के लिए भी बड़ा आकर्षण रहा है। इस छोटी-सी मज़ार पर बैठकर वह ख़ुशबू सहज ही महसूस की जा सकती है जो जाति और धर्म से ऊपर उठकर मनुष्यता के स्पर्श से आती है।
हम शर्मिंदा हैं, चांद बाबा !
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ध्रुव गुप्त