कृष्णकांत
कभी पीएम मोदी जिनपिंग के साथ झूला झूल रहे थे. हम जैसे कुछ लोगों ने पूछा कि ये कौन सी विदेश नीति है?
चीन कभी भी भारत का भरोसेमंद नहीं रहा है और जिनपिंग पर इतना प्यार लुटाना समझ से परे था. तब भक्त मंडली ने कहा कि तुम लोग मोदी जी से जलते हो, इसलिए ऐसा कह रहे हो. दुनिया में मोदी जी का डंका बज रहा है.
हमने भी सोचा कि भाई हो सकता है कि डंकवा बज रहा हो, लेकिन हमको न सुनाई दे रहा हो.
प्रधानमंत्री बनने के बाद अब तक नरेंद्र मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से 18 बार मिल चुके हैं. प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने चीन को ऐसे पेश किया कि चीन ही भारत का सबसे करीबी दोस्त हो.
आज चीनी सेना भारतीय इलाके में घुसी है. 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं. 40 सालों बाद पहली बार सीमा पर गोली चली है. वार्ताएं चल रही हैं और लगभग बेनतीजा रह रही हैं, चीन पीछे हटने को तैयार नहीं है.
अब फिर ये सवाल उठता है कि क्या आप आज के पहले चीन के बारे में कुछ नहीं जानते थे? जब आपका उनसे इतना ही याराना था तो चीनी सैनिक हमारे इलाके में घुस कैसे गए?
अगर घुस गए तो आप उसे जनता के सामने कह क्यों नहीं पा रहे हैं? और सबसे बड़ा सवाल कि जिनपिंग से 18 मुलाकातों का हासिल क्या हुआ?