दिल्ली में कई जगहों पर पोस्टर लगाए गए. इन पर लिखा था, ‘मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दिया.’

पोस्टर लगाकर ये सवाल पूछने के “जघन्य अपराध” में दिल्ली पुलिस ने पूरी दिल्ली में अब तक 25 एफआईआर दर्ज कर चुकी है. इस सिलसिले में अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

अमर उजाला ने लिखा है कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस मामले में अभी और एफआईआर दर्ज की जाएंगी. पुलिस जांच कर रही है कि किसके कहने पर ये पोस्टर शहर भर में लगाए गए और आगे कार्रवाई की जाएगी.

अदभुत ये है कि कल से आज तक जो खबरें हैं, वे बताती हैं कि लगातारी ​एफआईआर और गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ रही है.

उत्तरी दिल्ली में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया जिसने बताया कि ये पोस्टर लगाने के लिए उसे पांच सौ रुपये दिए गए थे.

अब आप सोचिए कि पांच सौ रुपये पर पोस्टर लगाने वाले मजदूर तक की जवाबदेही है, लेकिन पूरे देश में हुए भयानक नरसंहार के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों समेत किसी की कोई जिम्मेदारी नहीं है.

इस पोस्टर में ऐसा है कि जिसे लेकर इतनी ​बड़ी कार्रवाई की जा रही है. यही सवाल अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पूछ रही है. यही सवाल कई विपक्षी नेता पूछ रहे हैं. फिर यही सवाल पूछने वाले नागरिक दोषी कैसे हो गए?

कुछ समय पहले तक हम लोग कहते थे कि दिल्ली पुलिस सबसे स्मार्ट, सबसे कुशल और सबसे अच्छी पुलिस है.

दुर्भाग्य से अब इस एजेंसी को अपने ही निर्दोष नागरिकों को प्रताड़ित करने और सरकारी बदला ​लेने जैसे दुष्कृत्य के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

ये सिर्फ तानाशाही नहीं है, ये घनघोर अत्याचार है. लोगों को गिरफ्तार करने से ये सच्चाई नहीं बदल जाएगी कि देश में जो हुआ है वह पूर्वनियोजित जनसंहार है.

(यह लेख पत्रकार कृष्णकांत की फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है)

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