क्या पीएम केयर फंड एक घोषित घोटाला है? अगर नहीं तो उसका ऑडिट क्यों नहीं हुआ? महामारी के एक साल बाद भी हम वहीं क्यों खड़े हैं?

देश में आज भी मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की दुर्दशा वैसी ही क्यों है जहां न वेंटिलेटर हैं, न दवा, न बिस्तर, न एम्बुलेंस?

मरते हुए लोगों को अस्पताल में बेड, दवा, डॉक्टर, वैक्सीन, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, किट, कुछ भी क्यों नहीं मिल रहा?

सवाल पूछिये कि देश की जनता ने महामारी से निपटने के लिए जो पैसा दिया था वह कहां गया? पीएम केयर का धन कहां गया?

अगर वह पैसा लोगों की जान बचाने में खर्च नहीं होना था तो कोरोना के नाम पर वसूली क्यों की गई थी? क्या पीएम केयर फंड खुलेआम लूट के लिए लॉन्च की गई योजना थी?

क्या हमारी 24 कैरेट की राष्ट्रवादी सरकार महामारी में भी राष्ट्र को लूटने से नहीं चूकी?

क्या कोई बता सकता है कि 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज और हजारों करोड़ का पीएम केयर फंड कहां गया? क्या इसी लूट को राष्ट्रवाद का रंग-रोगन चढ़ा कर बेचा जा रहा है?

हे व्हाट्सएप विष-विद्यालय में जागे हुए हिंदुओं! श्मशान के बाहर लाशों की कतारें देखो। जो लोग ऑक्सीजन, रेमिडेसिविविर और वेंटिलेटर से बचाये जा सकते थे, उन्हें जलाने के लिए लकड़ी तक नहीं है।

तुम जागे नहीं हो, तुम जागने के नाम पर मुर्दा बना दिये गए हो जिसके अन्तर्मन में सिर्फ और सिर्फ विष भरा है।

तुम अपने पेट की रोटी मांगना तो दूर, अपने लिए दो गज जमीन मांगना भूल गए हो। तुम जागे नहीं हो, तुम दरअसल मुर्दा हो चुके हो और एक कौम के मुर्दा हो जाने से बुरा कुछ नहीं होता।

(यह लेख पत्रकार कृष्णकांत की फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here