देश के चार सरकारी बैंक इसी साल बिक जाएंगे। यह भी उस निज़ाम के राज में, जिसने कभी जुमला फेंका था- मैं देश नहीं बिकने दूंगा।

जिन बैंकों को बेंचना है, उनमें पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक, आईडीबीआई बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं।

पीएमओ ने आला अधिकारियों से कहा है कि इन चारों बैंकों को निजी हाथों में बेचने से संबंधित सारी प्रक्रियाएं जल्द से जल्द पूरी की जाएं।

कोरोना वायरस संकट की वजह से टैक्स कलेक्शन में आई कमी से सरकार का खजाना खाली है। सरकार इन बैंकों को निजी हाथों में बेच कर पैसा जुटाना चाहती है।

आईडीबीआई बैंक में सरकार की 41.17 फीसदी हिस्सेदारी है। सरकार अगर इन बैंकों के नहीं बेचती है तो उसे इनके बेलआउट के लिए बड़ा पैकेज मुहैया कराना होगा।

इसका रास्ता यही निकाला गया है कि इन बैंकों में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचना शुरू करे।

मोदी सरकार देश में सिर्फ चार बड़े बैंक चाहती है। देश में इस समय 12 सरकारी बैंक हैं। यानी घाटे में चल रहे और भी सरकारी बैंक बिकेंगे।

आपने इसी दिन को देखने के लिए तो बीजेपी को दूसरी बार वोट दिया था।

(ये लेख पत्रकार सौमित्र रॉय के फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है)

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