ओडिशा के 900 वैक्सीनेशन सेंटर पर ताला लटक गया है। महाराष्ट्र, झारखंड, यूपी, राजस्थान में वैक्सीन खत्म होने की खबरें हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, एमपी के अस्पतालों में रेमिडेसिविर इंजेक्शन नहीं है। पिछले 6 महीने में सरकार ने रेमिडेसिविर के 11 लाख डोज 100 देशों को निर्यात कर दिए।
देश भर में लाखों लोग बीमार हैं। एक्टिव केसों की संख्या 11 लाख पहुँच रही है। लोगों को अस्पताल में बिस्तर नहीं मिल रहे। लखनऊ, मुंबई, इलाहाबाद जैसे शहरों में हाहाकार की हालत है। जरूरी दवाई नहीं मिल रही।
जो मर जा रहे हैं उनके अंतिम संस्कार के लिए लाइन लग रही। दिल्ली के श्मशान पर लाइन लगी है। चिताएं रिजर्व की जा रही हैं।
अहमदाबाद, सूरत और बड़ोदरा में ऐसे ही हालात हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश में रेमिडेसिविर की एक हफ्ते से कमी चल रही है।
आज देश में 1.69 लाख नए कोरोना केस आए और 904 मौतें हुईं। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय “उत्सव” सूझ गया है। देश की जनता से उन्होंने कहा है कि टीका उत्सव मनाओ।
एक साल पहले जो हालत थी, हम आज भी वहीं हैं। केस बढ़ते ही पूरी व्यवस्था दग गई। देश को अपनी हालात पर छोड़कर आज देश के प्रधानमंत्री बंगाल में 3 चुनावी रैलियां करेंगे। गृहमंत्री रोड शो करेंगे।
चुनाव जीत लेने और हर राज्य पर कब्जा कर लेने की हवस आपराधिक स्तर पर पहुंच गई है।
यूपी वाले महापुरुष पंचायत चुनाव करवा रहे हैं। प्रधानमंत्री और सरकार को देश कब्जाने और सत्ता लूटने से फुर्सत नहीं है। जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।
सत्ता चुनाव जीतने में मगन है। विपक्ष बिना कोरोना संक्रमण के मर गया है। लुटेरे लूटने में मशगूल हैं। गोदी मीडिया के भड़ुवे भजन गाने में मगन हैं। जनता अपने दुख में चीख रही है और बदहवास यहां वहां भाग रही है।
निरीह और गरीब आम जनता को बस भगवान का सहारा है। ये अच्छा है कि हमारे देश के लोग मरकर भी नाराज नहीं होते। अपने अत्याचारी की पूजा ही हमारा परम धर्म है। पता नहीं हम मनुष्य हैं या केंचुए हैं!
(यह लेख पत्रकार कृष्णकांत की फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है)