
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद पर जानलेवा हमला हुआ है। हमले में उमर बाल-बाल बच गए हैं। ये हमला दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के बाहर हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि फायरिंग उमर को निशाना बना कर किया गया था।
हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गया, लेकिन उसकी गन घटनास्थल पर ही रह गयी। बता दें कि उमर ख़ालिद पर ये हमला उस वक्त हुआ जब वह दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आयोजित कार्यक्रम ‘ख़ौफ़ से आज़ादी’ में हिस्सा लेने पहुंचे थे।
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल बता रहे हैं कि जिस जगह (कॉन्सटीट्यूशन क्लब) उमर खालिद पर हमला हुआ वो कैसी जगह है? और वहां गोली चलने के क्या मायने हैं? पढ़िए…
वह कौन सी जगह है जहां दिल्ली में आज फायरिंग हुई है?
मोदी की नहीं जानता, लेकिन सरकार का इकबाल खत्म हो गया है! सरकार समर्थक बावले हो गए हैं। बेलगाम हो गए हैं। मुझे नहीं लगता कि वे सरकार के काबू में भी हैं।
उन्हें पागल बनाने में मीडिया की भी भूमिका है। अपराध उनका भी है।
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में मैने दर्जनों बार भाषण दिया है और सैकड़ों सेमिनार और सम्मेलन में हिस्सा लिया है। इस क्लब की सदस्यता सिर्फ सांसदों को मिलती है। यह दिल्ली की सबसे सुरक्षित जगहों में से एक है। यहां प्रधानमंत्रियों तक का आना जाना होता है।
इस क्लब के इतिहास में तो छोड़िए, आस पास भी कभी फायरिंग नहीं हुई.. यहां सामान्य दिनों में जितने नागरिक होते हैं, उससे ज्यादा सुरक्षाकर्मी होते हैं।
मैं बताता हूं कि वहां 800 मीटर के दायरे में क्या है –
- संसद भवन,
- राष्ट्रपति भवन,
- प्रधानमंत्री कार्यालय,
- विदेश मंत्रालय,
- गृह मंत्रालय,
- रक्षा मंत्रालय,
- वायु सेना मुख्यालय,
- विदेश मंत्रालय,
- वित्त मंत्रालय,
- रिजर्व बैंक,
- जल संसाधन मंत्रालय,
- श्रम मंत्रालय,
- रेल मंत्रालय,
- कृषि मंत्रालय,
- उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय,
- स्वास्थ्य मंत्रालय,
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय,
- युवा और खेल मंत्रालय,
- पेट्रोलियम मंत्रालय,
- कोयला मंत्रालय,
- प्रेस क्लब,
- पीटीआई,
- यूएनआई,
- संचार मंत्रालय,
- चुनाव आयोग,
- डाक भवन,
- उद्योग मंत्रालय
- नीति आयोग,
- रेड क्रॉस भवन,
- आंबेडकर फाउंडेशन,
- कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के घर ,
- संसद मार्ग थाना,
- आकाशवाणी भवन…
यह अभूतपूर्व सरकार है। जो अब तक नहीं हुआ, वह सब होगा।