प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह 11:30 बजे सोशल मीडिया पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि वो देश को संबोधित करते हुए महत्वपूर्ण संदेश देंगे। प्रधानमंत्री ने 11: 45 से 12 बजे के बीच संबोधन के लिए कहा था लेकिन ये वक़्त निकल गया और पीएम के संबोधन में देरी हुई। जिसके बाद उन्होंने जानकारी दी की भारत अंतरिक्ष में सुपर पावर बन गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक सैटेलाइट को मिसाइल से मार गिराया है। यह भारत का एंटी सैटेलाइट हथियार का पहला प्रयोग है और इसे एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

इस ऐलान के बाद पीएम मोदी पर क्रेडिट लेने का आरोप लगाना शुरू हो गया। पत्रकार उर्मिलेश ने सोशल मीडिया पर आचार संहिता याद दिलाते हुए लिखा- चुनावी माहौल में जब आचार संहिता लागू है, क्या सैटेलाइट सम्बन्धी यह ऐलान प्रधानमंत्री की बजाय कोई वरिष्ठ वैज्ञानिक नहीं कर सकता था?

अपने बहु-स्तरीय ऐलान(जो टीवी,रेडियो आदि पर एक साथ प्रसारित हुआ) में प्रधानमंत्री ने दावा किया कि यह अभियान हर भारतवासी के लिए गर्व का विषय है।

क्या यह सब चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं? देश के नागरिकों के नाम इस राष्ट्रीय संबोधन की जरुरत ही क्या थी? कितने नागरिकों को समझ में आया होगा कि हमारे प्रधानमंत्री ने क्या कहा?

उस ऐलान का आम जनता के रोजमर्रा की जिन्दगी से क्या नाता है? लोगों की जिन्दगी में उसका सीधा प्रभाव क्या पड़ने वाला है? अब टीवी चैनलों पर सैटेलाइट और मिसाइल के फोटू कई-कई घंटे चमकते रहेंगे! निर्वाचन आयोग जी, नमस्कार-आदाब।

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