गिरीश मालवीय

न्यूज़ चैनलों पर केजरीवाल की लानत मलामत की जा रही कि उसने मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक को लाइव क्यों कर दिया। लेकिन इसमे गलत क्या है?

जब दिल्ली के हस्पतालों में डॉक्टर और डीन रो रो कर कह रहे हैं कि हमारे पास ऑक्सीजन नही है अगले कुछ घण्टो में ऑक्सीजन नही पुहंची तो 60 मरीज मर जाएंगे।

जब ऑक्सीजन के लिए हस्पताल हाई कोर्ट में पिटीशन लगा रहे हैं तो ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री होने के नाते केजरीवाल ने क्या गलत किया?

केजरीवाल ने सिर्फ यही कहा न कि ‘मैं यह जानना चाहता हूं कि अगर आज या कल या किसी भी टाइम हमारे किसी अस्पताल में एक या आधे घंटे की ऑक्सीजन बच जाए, और लोगों के मरने की नौबत आ जाए तो मैं केंद्र सरकार में किससे बात करूं।’

केजरीवाल ने पीएम से यही कहा न कि देश के सभी ऑक्सीजन प्लांट्स को तुरंत आर्मी के जरिए केंद्र सरकार अपने कब्जे में ले ले। ऑक्सीजन प्लांट से निकलने वाले हर ट्रक के साथ एक आर्मी का एस्कॉर्ट्स वीकल रहेगा, तो फिर कोई उस ट्रक को रोक नहीं पाएगा।

उसने बस यही किया न ?

उसने बस यही किया न कि वह जो मोदी जी को बोल रहा है उसको उसने लाइव बता दिया। इसमें गलत क्या है?

क्या दिल्लीवासियों को यह जानने का अधिकार नही है कि उसके चुने हुए मुख्यमंत्री ने जनता का पक्ष प्रधानमंत्री के सामने कैसे रखा?

और मोदी को देखा आपने। किस तरह से वह पहलू बदल बदल कर बात कर रहे थे। उनका बस चलता तो वह तुरन्त मीटिंग बर्खास्त कर देते, वो तो उन्होंने देख लिया कि लाइव है नहीं तो।

एक आदमी जो 7 सालों से देश का प्रधानमंत्री है लेकिन उसकी इतनी हिम्मत नहीं है कि एक बार प्रेस कांफ्रेन्स बुलाकर पत्रकारों के सवालों का लाइव जवाब दे दे।

उसके साथ तो इससे कही ज्यादा गलत बर्ताव किया जाना चाहिए।केजरीवाल ने तो कुछ भी नही किया।

(यह लेख गिरीश मालवीय की फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है)

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