अमेरिका में एक ब्लैक की बेरहमी से हत्या का वीडियो सामने आते ही पूरे अमेरिका में उबाल आ गया है। लाखों की संख्या में लोग सड़कों पर हैं और इसका असर सिर्फ अमेरिका में ही नहीं पूरे विश्व में देखने को मिल रहा है।

खबरें आ रही हैं कि जनता का आक्रोश देखकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस के एक बंकर में घुस गए हैं।

दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र में इतना बड़ा आंदोलन इसलिए हुआ है क्योंकि किसी नागरिक के साथ रंग के आधार पर भेद किया गया है। यही बात अगर भारत के संदर्भ में देखें तो यहां पर रंग ही नहीं जाति और धर्म के आधार पर रोज भेदभाव किया जाता है लेकिन ऐसा आक्रोश नहीं देखने को मिलता है।इसी बहस को सोशल मीडिया पर बढ़ाते हुए विक्रम सिंह चौहान लिखते हैं-

भारत में हज़ारों जॉर्ज फ्लॉयड मारे गए. जाति, धर्म के नाम पर. झूठी शान के नाम पर. पर देश कभी एक साथ उठकर विरोध नहीं किया.

2018 में तेलंगाना में अमृता से प्रेम विवाह करने वाले दलित युवक प्रणय की हत्या कर दी गई. अमृता के घरवालों ने हत्या की. अमृता तब गर्भवती थीं. अमृता के ख्वाब तार- तार हो गए. पर गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए उसने जिंदगी को चुना. निहान उनका बेटा अब 15 माह का हो गया है.

अमृता और प्रणय के दोस्त अब अंतरजातीय शादी करने वालों को प्रोत्साहित करते हैं, उन्हें सहारा देते हैं. अमृता ने अपने घर से, समाज से सबसे बगावत की. पिछले दिनों उनके पिता ने सुसाइड कर लिया. अमृता के पिता ने ही प्रणय को मारने के लिए एक करोड़ की सुपारी दी थी.

अमृता की प्रेम कहानी महान है. उसने कभी झुकना मंजूर नहीं किया. झूठी जातीय गौरव के खिलाफ उसने अकेले लड़ाई लड़ीं. और आज भी लड़ रही हैं. उसकी गोद में निहान पल रहा है. अब वह उसके लिए ख्वाब बुनती है.

(ये लेख विक्रम सिंह चौहान के फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है)

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