8 दिन से लापता AN-32 विमान का मलबा अरुणांचल प्रदेश में चीन की सीमा के पास से मिलने की पुष्टि हो चुकी है जिसके बारे में एक दिन पहले जी-न्यूज विमान को “एलियंस” द्वारा उठा लिए जाने जैसा अवैज्ञानिक और मूर्ख बनाने वाला प्रोपोगैंडा फैला रहा था। देश का एक ऐसा हिस्सा जो प्रोपेगैंडा और खबरों में अंतर नहीं कर पाता ऐसी खबरों को अक्सर सच मान लेता है।

जिस रहस्यमयी तरीके से विमान चीन की सीमा के पास से मिला है उससे इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि विमान चीन ने मार गिराया हो। हो सकता है सरकार इस फैक्ट को छुपाने के लिए भी इस खबर को मीडिया के सामने नहीं आने देना चाहती हो! वो सरकार जिसने पूरा लोकसभा चुनाव ही पाकिस्तान और फर्जी राष्ट्रवाद के नाम पर लड़ा हो वह इस तथ्य को छुपाने के लिए किसी भी हद तक जा भी सकती है।

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ऐसा काम न्यूज चैनलों द्वारा अक्सर किसी मुद्दे पर सरकार पर पड़ने वाले दवाब को कम करने के लिए भी किया जाता है। जिसका एक उदाहरण कठुआ कांड भी है।

कठुआ रेप मामले में महिला सुरक्षा को लेकर जब सरकार पर दबाव बन रहा था तब सरकार की गोद में बैठे हुए जी न्यूज और दैनिक जागरण जैसे अखबार और न्यूज चैनल अपनी झूठी रिपोर्टों के माध्यम से इस तरह का माहौल क्रिएट कर रहे थे कि रेप तो हुआ ही नहीं। कठुआ मामले का फैसला आज आपके सामने है सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ मामले में आरोपियों को दोषी करार दे दिया है।

उसी तरह सरकार और मीडिया का एक बड़ा हिस्सा इस समय किसी भी ऐसी न्यूज को छिपाने के लिए किसी भी स्तर पर जा सकते हैं जहां इन्हें राजनीतिक रूप से नुकसान की संभावना हो।

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विमान का मलबा मिल चुका है जिससे लगभग तय है कि उसमें सवार 13 लोग शहीद हो चुके हैं। जब सरकार का भौंपू जी न्यूज चैनल विमान के लापता होने को “एलियंस” द्वारा उठा लिए जाने जैसी फर्जी और भ्रामक खबर फैला सकता है तो इस संभावना से मना नहीं किया जा सकता कि सरकार भी इससे सम्बंधित तथ्यों को छुपाने की कोशिश कर रही हो!

यह सवाल एक संभावना है लेकिन सरकार और मीडिया के अतीत के चरित्र को देखते हुए इस संभावना को इग्नोर नहीं किया जा सकता।

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