समाजवादी पार्टी प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पत्रकारों की गिरफ्तारी पर नाराजगी जाहिर की है। अखिलेश ने सोशल मीडिया पर लिखा- पत्रकारों की गिरफ़्तारी लोकतांत्रिक ढाँचे को ध्वस्त करने की दिशा में एक कदम है।
यह तो पहले ही पता था कि सत्ताधीश चाहते हैं टीवी और अख़बार वही बयां करें जिससे उन्हें लाभ हो और अब सोशल मीडिया की स्वतंत्रता भी छीनी जा रही है। इस मुश्किल घड़ी में हम लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ हैं।
पत्रकारों की गिरफ़्तारी लोकतांत्रिक ढाँचे को ध्वस्त करने की दिशा में एक कदम है। यह तो पहले ही पता था कि सत्ताधीश चाहते हैं टीवी और अख़बार वही बयां करें जिससे उन्हें लाभ हो और अब सोशल मीडिया की स्वतंत्रता भी छीनी जा रही है। इस मुश्किल घड़ी में हम लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ हैं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 11, 2019
दरअसल यूपी पुलिस ने शनिवार को तीन पत्रकार को गिरफ्तार किया था। जिनमें से एक पत्रकार प्रशांत कनौजिया को आज रिहा करने का आदेश दे दिया है। गिरफ़्तारी के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि कनौजिया को क्यों गिरफ्तार किया गया?
उसकी गलती क्या थी? भले ही उसे इस तरह का ट्वीट नहीं करना चाहिए था लेकिन गिरफ्तारी का आधार क्या है? लोगों के ओपिनियन अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन इस आधार पर उन्हें गिरफ्तार तो नहीं किया जा सकता है!
बता दें कि पत्रकारों की गिरफ़्तारी के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया पर सीएम योगी पर निशाना साधा था। साथ ही कई पत्रकारों ने इसे लेकर प्रेस क्लब में विरोध प्रदर्शन भी किया था