उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे गुंडाराज का शिकार महिलाओं के साथ साथ साधु-संत समाज भी हो रहा है। बीते कुछ वक्त से जहां महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं सामने आ रही है। वहीं राज्य में साधुओं की हत्या के लगातार सामने आ रहे मामलों ने भी सनसनी मचा दी है।

लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, वेस्ट उत्तर प्रदेश में बीते 6 महीने में 7 साधुओं की हत्या की जा चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से चार साधुओं की मौत का रहस्य अभी भी बना हुआ है।

विपक्षी दलों द्वारा साधुओं की हत्या के मामले में योगी सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

हाल ही में कांग्रेस ने एक ट्विटर पोस्ट में यह दावा किया था कि बीते 2 साल में उत्तर प्रदेश में 20 साधुओं की हत्या हो चुकी है। यूपी के बिजनौर, बागपत बुलंदशहर और मेरठ ऐसे शहर हैं। जहाँ हाल ही में साधुओं को निशाना गया है।

विपक्षी नेताओं द्वारा इन मामलों पर सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लिया जा रहा है।

विपक्षी नेताओं का कहना है कि उनके रामराज्य में साधू तक सुरक्षित नहीं है। आम आदमी की सुरक्षा तो बहुत दूर की बात है। यूपी में लगातार बढ़ रहे अपराध का मुद्दा काफी गंभीर हैं।

इस मामले में पत्रकार विनोद कापड़ी ने गोदी मीडिया पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “यूपी में 6 महीने में 7 साधुओं की हत्या। लेकिन मजाल है कि कोई योगी से सवाल पूछ ले। सारे सवाल सोनिया और राहुल से ही पूछे जाएँगे।”

आपको बता दें कि 3 दिन पहले उत्तर प्रदेश के बागपत में यमुना नदी के किनारे एक साधु की तैरती हुई लाश बरामद हुई है। साधु के शरीर पर भगवा कपड़े थे और चोटों के कई निशान पाए गए हैं। पुलिस ने साधु के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अभी तक साधू की शिनाख्त भी नहीं हो पाई है।

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